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Hindi News भारत राष्ट्रीय गाजीपुर बॉर्डर में लंगर, मंच और टेंट खाली, दिल्ली बॉर्डर पर नया प्रयोग हुआ शुरू

गाजीपुर बॉर्डर में लंगर, मंच और टेंट खाली, दिल्ली बॉर्डर पर नया प्रयोग हुआ शुरू

लगता है किसान गांव लौटने लगे हैं। सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता मंच पर बैठे है लेकिन उनको नेता बनाने वाली जनता घर बैठी है। टूल किट आने के बाद किसानों की आंखे खुलने लगी है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जो 14 तारीख की शाम का सिंघु बॉर्डर का बताया जा रहा है। 

singhu border ghazipur border kisan andolan farmer leaving protest watch video- India TV Hindi Image Source : INDIA TV सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता मंच पर बैठे है लेकिन उनको नेता बनाने वाली जनता घर बैठी है।

नई दिल्ली: लगता है किसान गांव लौटने लगे हैं। सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता मंच पर बैठे है लेकिन उनको नेता बनाने वाली जनता घर बैठी है। टूल किट आने के बाद किसानों की आंखे खुलने लगी है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जो 14 तारीख की शाम का सिंघु बॉर्डर का बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जब खबरे आने लगी कि किसान आंदोलन से भीड़ कम हो रही है तो इसे रोकने के लिए डांस का कार्यक्रम करवाया गया ताकि ऐसा न लगे की आंदोलन में लोग नहीं हैं, भीड़ बरकरार है और सब अच्छे से चल रहा है। इंडिया टीवी के पड़ताल में साबित हो गया कि वीडियो सिंघु बॉर्डर का ही है।

बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर पहले जैसी भीड़ नहीं है। टेंट तो लगे हैं लेकिन उतने लोग नहीं हैं। मंच पर भाषण भी चल रहा है लेकिन सुनने वालों के नंबर कम हो गए हैं। क्या यही आंदोलन के ऑर्गेनाइजर्स की चिंता का विषय है? सिर्फ डांस ही नहीं, सिंघु बॉर्डर से इंडिया टीवी को कई कार्यक्रम चलते हुए मिले। करतब दिखाने वाले भी मिले जिसे आंदोलन कर रहे किसान देख रहे थे इसलिए हम पूछ रहे हैं कि क्या आंदोलन को जिंदा रखने के लिए डांस और मदारी के करतबों की जरुरत पड़ रही है।

आज गाजीपुर बॉर्डर का भी हाल कुछ ऐसा ही है। इंडिया टीवी के संवाददाता कल भी आए थे। कल दावा किया गया था कि सब ठीक है, सब इधर उधर गए हैं। 24 घंटे बाद जब इंडिया टीवी के संवाददाता आए तो आंदोलन वाला बॉर्डर सूना था। कल से कम लोग नजर आए। हमने वहीं सवाल किया लोग कम क्यों हो रहे है, अगर ऐसा ही रहा है तो आंदोलन का मकसद सॉल्व नहीं हो पाएगा। आंदोलन की गाड़ी हिचकोले खाने लगी है।

दिल्ली के बॉर्डर पर भीड़ कम होने की चिंता किसान नेताओं को भी है। गांव गांव महापंचायत कर रहे हैं, समर्थन जुटा रहे हैं। मकसद सिर्फ यही है कि बिल वापसी तक आंदोलन की आग जलती रहे।

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