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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'आप की अदालत' में श्री श्री रविशंकर: 'खाली बरतन से दान तो नहीं कर सकते'

'आप की अदालत' में श्री श्री रविशंकर: 'खाली बरतन से दान तो नहीं कर सकते'

'बिजनेस करना कोई गलत काम नहीं है। खाली बरतन से दान तो नहीं कर सकते। नारायण के साथ लक्ष्मी तो होती हैं।'

नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि बिजनेस करना कोई गलत काम नहीं है, हम सिर्फ दानपुण्य करने को श्रेष्ठ समझने लगे। लेकिन खाली बरतन से दान तो नहीं कर सकते। नारायण के साथ लक्ष्मी तो होती हैं। उन्होंने इंडिया टीवी पर रजत शर्मा के शो आप की अदालत में सवालों के जवाब देते हुए ये बात कही। 

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने श्री श्री प्रोडक्ट्स लॉन्च कर बिजनेस क्यों शुरू कर दिया, आध्यात्मिक गुरु ने कहा: 'ये बिजनेस कोई गलत काम थोड़े है। कितने सारे युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। मैं तो इन्वॉल्वड नहीं हूं, पर हम प्रेरणा देते हैं। योग और उद्योग साथ-साथ चलते हैं, उसमें क्या दिक्कत है? नारायण के साथ लक्ष्मी तो रहती हैं,  हमारा देश पीछे इसलिए हो गया क्योंकि हम लोग उद्योग को बेकार मानने लगे। सिर्फ दानपुण्य करना, उसी को श्रेष्ठ समझने लगे। लेकिन खाली बरतन से दान तो नहीं कर सकते। नारायण के साथ लक्ष्मी तो होती हैं। उपनिषदों में ऋषि कहते हैं हजारों गायें हों। सब सम्पन्न हों। सर्वे भवन्तु सुखिनं।

रजत शर्मा ने जब उनसे पूछा कि राम जन्मभूमि पर फैसले में आपने मध्यस्थता की पहल की लेकिन आप उसे सुलझा नहीं पाए। इसपर श्री श्री रविशंकर ने कहा- मध्यस्थता ने बड़ी अहम भूमिका अदा की। मध्यस्थता और उसके साथ-साथ जजमेंट से एक बढ़िया नतीजा निकला। 

उन्होंने कहा-'मध्यस्थता कभी फेल नहीं होता। मध्यस्थता रास्ता  बनाता है दिलों को जोड़ता है। एक दूसरे को पास लेकर आता है और पूर्ण रूप से नतीजा उसी से निकलता है। वहीं राम जन्मभूमि के मसले को लेकर जब रजत शर्मा ने उनसे पूछा कि आपका बयान था कि अगर इस मामले को सुलझाने में देरी होगी तो यहां सीरिया बन जाएगा, इस पर श्री श्री ने कहा-'नहीं, मैंने ये कहा था कि सीरिया जैसे हालात मैं इस देश में कभी नहीं देखना चाहता। मैंने भविष्यवाणी थोड़े न की.. मैंने एक चेतावनी दी।' 

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