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Hindi News भारत राष्ट्रीय Air Hostess Death Case: डॉक्टरों की लापरवाही से एयरहोस्टेस की गई थी जान, भतीजे ने शिकायत की तो अगले दिन होटल के कमरे में लटका मिला

Air Hostess Death Case: डॉक्टरों की लापरवाही से एयरहोस्टेस की गई थी जान, भतीजे ने शिकायत की तो अगले दिन होटल के कमरे में लटका मिला

Air Hostess Death Case: 24 जून को गंभीर रक्तस्राव और दर्द के बाद रोजी को अस्पताल में भर्ती कराया गया और डेंटिस्ट अश्क को उसकी देखभाल के लिए तैनात किया गया था, जबकि मुख्य चिकित्सक बिश्नोई साढ़े चार घंटे बाद आया था।

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Highlights

  • एयरहोस्टेस का इलाज गायनोकॉलोजिस्ट के बदले डेंटिस्ट ने किया
  • मेन डॉक्टर 4 घंटे लेट पहुंचे थे अस्पताल, युवती की हुई मौत

Air Hostess Death Case: गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में स्त्री रोग संबंधी समस्या का एक डेंटिस्ट ने इलाज किया, जिसकी वजह से पिछले साल 24 जून को नगालैंड की एक एयरहोस्टेस की मौत हो गई। बाद में, CBI ने इस मामले की जांच शुरू की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर CBI ने डॉक्टरों-अल्फा हेल्थ केयर के प्रबंध निदेशक डॉ.अनुज बिश्नोई और डेंटिस्ट अंजलि अश्क के खिलाफ मामला दर्ज किया। CBI की प्राथमिकी के अनुसार, दोनों पर IPC की धारा 304 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

भतीजे को चिकित्सकीय लापरवाही की हुई थी शंका

गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि मृतक रोजी संगमा के एक रिश्तेदार सैमुअल संगमा का डॉक्टरों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के साथ विवाद हुआ था क्योंकि उन्हें उपचार में चिकित्सकीय लापरवाही की आशंका हुई थी। अगले दिन 25 जून को दिल्ली पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में सैमुअल की मौत की सूचना मिली। CBI ने अपने प्रारंभिक जांच निष्कर्षों में कहा कि अस्पताल और उसके डॉक्टरों की घोर लापरवाही इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि गुप्तांग से रक्तस्राव से पीड़ित गंभीर रोगी का इलाज दंत चिकित्सक द्वारा किया गया, जो इसके लिए योग्य नहीं था।’’ 

डॉक्टर की लापरवाही पड़ी भारी

इस प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 24 जून को गंभीर रक्तस्राव और दर्द के बाद रोजी को अस्पताल में भर्ती कराया गया और अश्क को उसकी देखभाल के लिए तैनात किया गया था, जबकि मुख्य चिकित्सक बिश्नोई साढ़े चार घंटे बाद आया था। जांच से पता चला कि बिश्नोई को रोजी की गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया, लेकिन उसने दंत चिकित्सक अश्क को मामले को संभालने के निर्देश दिए जबकि उसे स्त्री रोग संबंधी मुद्दों को संभालने का कोई अनुभव नहीं था। दोपहर 10.45 बजे बिश्नोई ने रोजी के रिश्तेदारों से ब्लड बैंक से रक्त लाने को कहा क्योंकि यह आपात स्थिति का मामला था। 

डॉक्टर ने पुलिस को पत्र लिख बताई थी मनगढ़ंत कहानी

बिजवासन के थाना प्रभारी को बिश्नोई ने पत्र भेजकर बताया कि गंभीर हालत में मरीज की मौत हो गई। बाद में एक अन्य सूचना में, उसने पुलिस को मौत के कारण के रूप में संदिग्ध जहर और साजिश के बारे में बताया तथा यह भी दावा किया कि इलाज का उस पर असर नहीं हो रहा था। बिश्नोई ने बताया कि उसे बेहतर इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भेजा गया। CBI ने कहा, ‘‘उक्त सूचना कार्बन कॉपी में थी, लेकिन मूल कॉपी में दोपहर 1.30 बजे का समय लिखा हुआ था।’’ CBI ने आरोप लगाया कि बिश्नोई ने रोजी का एक ‘डिस्चार्ज कार्ड’ तैयार किया जिसमें सुबह छह बजे भर्ती का समय और दोपहर 12 बजे रेफर किए जाने का उल्लेख था। खून चढाने, गंभीर स्थिति समेत अन्य जानकारी और उच्चतर केंद्र के लिए उसे रेफर करने के बारे में भी उल्लेख किया था, लेकिन वास्तव में उसे आगे के इलाज के लिए ‘‘रेफर’’ नहीं किया गया। 

सांसद अगाथा संगमा ने गृह मंत्री से की थी शिकायत

सांसद अगाथा संगमा द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को की गई शिकायत के आधार पर गृह मंत्रालय ने पिछले साल CBI को रोजी और उनके भतीजे सैमुअल की रहस्यमयी हालत में मौतों की जांच करने का निर्देश दिया था। दोनों नगालैंड के दीमापुर के निवासी थे। शाह को लिखे अपने पत्र में, अगाथा संगमा ने बताया कि रोजी ने कुछ दिक्कतों की शिकायत की थी और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया।

सांसद ने यह भी लिखा कि सैमुअल ने अस्पताल पर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया था और अपनी चाची की मौत की घटनाओं के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। पत्र में कहा गया, ‘‘अगले दिन, सैमुअल अपने होटल के कमरे में लटका पाया गया और उसकी मौत की परिस्थितियों से गड़बड़ी की आशंका पैदा हुई।’’ मेघालय की सांसद ने कहा था, ‘‘प्रथम दृष्टया, यह सुनियोजित हत्या का मामला प्रतीत होता है, जिसमें सच्चाई का पता लगाने के लिए उच्चतम आदेश की जांच की आवश्यकता होती है कि कैसे दोनों की मौत हुई।’’

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