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Hindi News भारत राष्ट्रीय Assam News: असम में मदरसे पर चला बुलडोजर, आतंकवाद से संबंध पाए जाने के आरोप में हुई कार्रवाई

Assam News: असम में मदरसे पर चला बुलडोजर, आतंकवाद से संबंध पाए जाने के आरोप में हुई कार्रवाई

Assam News: जोगीघोपा इलाके में स्थित दो मंजिला कबायतारी मा आरिफ मदरसे को तोड़ने के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे। मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को ढहा दिया गया।

Bulldozer fired on madrassa in Assam- India TV Hindi Image Source : ANI Bulldozer fired on madrassa in Assam

Highlights

  • असम में मदरसे पर कार्रवाई की गई
  • बुलडोजर से मदरसे को ढहा दिया गया
  • मदरसे को खाली करा, बच्चों को घर भेजा गया

Assam News: असम के बोंगाइगांव जिले में अधिकारियों ने बुधवार को एक मदरसे को ढहा दिया जिसके परिसर में कथित तौर पर “जिहादी” गतिविधियां चल रही थीं। अधिकारी ने बताया कि अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसार-उल-बांग्ला टीम से संबंध होने के संदेह में पिछले सप्ताह मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था। अधिकारी ने कहा कि जिले के जोगीघोपा इलाके में स्थित दो मंजिला कबायतारी मा आरिफ मदरसे को तोड़ने के लिए बुलडोजर तैनात किए गए थे। मदरसे के परिसर में बने अन्य ढांचों को भी ढहा दिया गया। यह इस सप्ताह इस तरह की कार्रवाई का दूसरा मामला है। इससे पहले सोमवार को बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था, जिसमें कथित रूप से अंसार-उल-बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्य चार वर्ष से रह रहे थे। बारपेटा पुलिस ने इस मामले में मदरसे के प्रिंसिपल, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था। 

मदरसे को खाली कर बंद करवाया गया

बोंगाईगांव के पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात गोलपाड़ा पुलिस को एक अभियान के दौरान कबायतारी मा आरिफ मदरसे की कैंटीन से 'जिहादी' तत्वों से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद इसे ढहाया जा रहा है। गोलपाड़ा पुलिस ने पिछले हफ्ते मदरसे के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया था और उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई थी। पुलिस अधिकारी ने कहा, “जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने मदरसे को भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया था और घोषित किया था कि यह रिहाइश के लिए उपयुक्त नहीं है।” अधिकारी ने कहा, “मदरसे में 224 छात्र थे, और अधिकारियों ने उन्हें 30 अगस्त की रात तक परिसर खाली करने के लिए कहा था। जिला प्रशासन ने घर जाने में उनकी मदद की। ज्यादातर बच्चों के अभिभावक आए और उन्हें ले गए।” 

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