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Chhattisgarh News: विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के निधन पर रायपुर और कांकेर में एक दिन का राजकीय शोक

Chhattisgarh News: अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने निर्णय लिया गया है कि मनोज सिंह मंडावी के निधन पर रायपुर और कांकेर में एक दिवसीय (16 अक्टूबर) राजकीय शोक रहेगा।

Manoj Singh Mandavi- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Manoj Singh Mandavi

Highlights

  • मनोज सिंह मंडावी के निधन पर रायपुर और कांकेर में एक दिन का राजकीय शोक
  • राज्यपाल अनसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने जताया शोक

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के निधन पर राजधानी रायपुर और कांकेर जिले में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मंडावी के निधन पर राज्यपाल अनसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने शोक जताया है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने निर्णय लिया गया है कि मनोज सिंह मंडावी के निधन पर रायपुर और कांकेर में एक दिवसीय (16 अक्टूबर) राजकीय शोक रहेगा तथा उनका अंतिम संस्कार आज शाम चार बजे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव नथिया नवागांव में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजकीय शोक के दौरान रायपुर और कांकेर स्थित सभी शासकीय भवनों और जहां पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं, वहां पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे तथा शासकीय स्तर पर कोई मनोरंजन/सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा। अधिकारियों ने बताया कि मंडावी के निधन पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष समेत अन्य नेताओं ने शोक जताया है। 

छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति

उन्होंने बताया कि राज्यपाल उइके ने अपने शोक संदेश में कहा है, ''मंडावी ने अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश व अपने क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभाई। उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है।'' अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने और दिवंगत आत्मा के शांति की प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है, ''मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।''

'मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे'

बघेल ने कहा, ''मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।'' अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ.
चरण दास महंत ने विधानसभा उपाध्यक्षके आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 

'मंडावी अत्यंत सरल, सहज एवं मृदुभाषी थे'

अपने शोक संदेश में महंत ने कहा, ‘‘मंडावी अत्यंत सरल, सहज एवं मृदुभाषी थे। उनके निधन से प्रदेश ने एक अनुभवी राजनेता को खो दिया है। विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में सदन के संचालन में उनकी भूमिका सदैव यादगार रहेगी।’’ वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी जी के आकस्मिक निधन के समाचार से निशब्द हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करें।'' छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और सत्ताधारी दल कांग्रेस से भानुप्रतापपुर क्षेत्र के विधायक मनोज सिंह मंडावी का दिल का दौरा पड़ने से रविवार को निधन हो गया। वह 58 वर्ष के थे। 

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