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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने समुद्र में मचाई हलचल, पानी में पैदा हुए जलजले से दहशत में आया चीन

भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने समुद्र में मचाई हलचल, पानी में पैदा हुए जलजले से दहशत में आया चीन

भारत और अमेरिका की नौसेना ने करीब एक हफ्ते तक हिंदमहासागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। दोनों देशों ने परमाणु पनडुब्बियों और युद्धक पोतों से समुद्र में जरदस्त खलबली पैदा की। इससे भारत के पड़ोसी चीन को भी चिंता होने लगी। भारत और अमेरिका की दोस्ती अब नए सिरे से परवान चढ़ रही है।

भारत और अमेरिका की नौसेना (प्रतीकात्मक)- India TV Hindi Image Source : PTI भारत और अमेरिका की नौसेना (प्रतीकात्मक)

भारत और अमेरिका की दोस्ती अब चीन की आंखों को खटकने लगी है। पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद से ही ह्वाइट हाउस और नई दिल्ली के रिश्ते में लगातार मजबूती आ रही है। हिंद महासागर में भारत और अमेरिका की नौसेनाएं इस वक्त संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रही हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने एक साथ समुद्र में उतरकर भारी हलचल पैदा कर दी है। समुद्री के सीने को चीरती पनडुब्बियां और प्रलयकारी युद्धपोत के जलजले से चीन में चिंता छा गई है। भारत और अमेरिका के इस संयुक्त मिलिट्री ऑपरेशन से चीन परेशान हो उठा है। अभी एक दिन पहले ही में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश और आक्साई चिन को अपना बताने वाला नक्शा जारी करना भी इसी बौखलाहट का कदम हो सकता है। हालांकि चीन ने अब इस पूरे मामले पर सफाई दे दी है और ड्रैगन बैकफुट पर आ चुका है।

भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने समुद्री गश्त और पनडुब्बी-रोधी युद्ध को लेकर समन्वय में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए सप्ताहभर तक चले संयुक्त अभ्यास को पूरा किया। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अमेरिका के गश्ती स्क्वाड्रन वीपी-26 के ‘ट्राइडेंट्स’ ने भारतीय नौसेना के एयर स्क्वाड्रन 312 के ‘अल्बाट्रॉस’ के साथ संयुक्त पनडुब्बी-रोधी युद्धाभ्यास में भाग लिया। यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान दोनों नौसेनाओं के समुद्री गश्त और टोही बलों के बीच समन्वय में सुधार पर केंद्रित था।

परमाणु पनडुब्बियों और भीषण युद्धपोत से समुद्र में हलचल

भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने परमाणु पनडुब्बियों और युद्धपोतों की गर्जना से समुद्र की लहरों को बवंडर बना डाला। इस अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध पर प्रशिक्षण और हिंद महासागर में विशिष्ट समुद्री चुनौतियों पर जानकारी साझा करना शामिल था।’’ दोनों स्क्वाड्रन ने उड़ान और गैर-उड़ान गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें परिचालन योजना, रखरखाव प्रशिक्षण और साजो-सामान समर्थन पर चर्चा शामिल थी। वीपी-26 के प्रभारी अधिकारी लेफ्टिनेंट रेयान स्पीयर ने कहा, ‘‘यह भारत के साथ हमारी साझेदारी को मजबूत करने और समुद्री तटों की रक्षा के लिए मिलकर काम करने की हमारी क्षमता में सुधार करने का एक शानदार अवसर है।’’

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