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Hindi News भारत राष्ट्रीय कर्नाटक में 2 साल तक सिद्धारमैया तो 3 वर्षों तक शिवकुमार होंगे सीएम- सूत्र

कर्नाटक में 2 साल तक सिद्धारमैया तो 3 वर्षों तक शिवकुमार होंगे सीएम- सूत्र

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद का फैसला बड़ा ही मुश्किल था। इसके लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दावा ठोक रहे थे। जिसके बाद पार्टी ने दोनों नेताओं को जिम्मेदारी देने का फ़ॉर्मूला तैयार किया है।

कर्नाटक में कौन बनेगा...- India TV Hindi Image Source : PTI कर्नाटक में कौन बनेगा CM?

नई दिल्ली: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का चुनाव करना एक बड़ा सवाल था। पार्टी ने अब इस सवाल का जवाब भी खोज लिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में पहले 2 वर्षों तक सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनेंगे और इस दौरान डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री रहेंगे। इसके बाद शिवकुमार को सीएम पद सौंप दिया जाएगा। इसके साथ ही शिवकुमार जब उपमुख्यमंत्री होंगे तब उनके पास 2 अहम मंत्रालय भी रहेंगे। इस फार्मूले पर पार्टी के विधायक दल की बैठक में चर्चा की जाएगी और उसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 

18 मई को होगा शपथ ग्रहण समारोह 

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगले 2 दिनों में सीएम के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा और शपथ ग्रहण समारोह 18 मई को किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस समारोह में सीएम और डिप्टी सीएम समेत कैबिनेट के कई मंत्री भी शपथ लेंगे। इस मंत्रीमंडल की संभावित सूची भी इंडिया टीवी के पास है। सूत्रों के अनुसार जी परमेश्वर, बीके हरिप्रसाद, एमबी पाटिल, आरवी देशपांडे, कृष्णा बायरे गौड़ा, रामलिंगा रेड्डी, केजे जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, जमीर खान, यूटी खादर, एस पाटिल, लक्ष्मी हेब्बलकर, ईश्वर खंड्रे, जारकीहोली, संतोष लाड, सलीम अहमद, एच महादेवप्पा, एचके पाटिल और दिनेश गुंडू राव मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस को मिला है प्रचंड बहुमत 

बता दें कि शनिवार को आए परिणामों में कांग्रेस ने 136 सीटें जीतते हुए बहुमत प्राप्त किया है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी केवल 65 साईट ही जीत सकी। वहीं किंगमेकर बनने का सपना देख रही जेडीएस केवल 19 सीटें ही जीत पाई। परिणाम आने के बाद ही सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थक अपने नेताओं को सीएम बनाने की मांग कर रहे थे और यह तय हो गया था कि कांग्रेस को चुनाव जीतने से ज्यादा यह फैसला करना मुश्किल होगा कि किसे सीएम बनाया जाए।

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