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Hindi News भारत राष्ट्रीय Indian Army के जवानों को कैसे दी जाती है ट्रेनिंग? कैसे हर मोर्च पर तैनात रहती है सेना; जानें खासियत

Indian Army के जवानों को कैसे दी जाती है ट्रेनिंग? कैसे हर मोर्च पर तैनात रहती है सेना; जानें खासियत

भारतीय सेना के जवान हर मुश्किलों से निपटने में सक्षम होते हैं। इसके लिए जवानों को खास तरह से तैयार किया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान जवानों को इस तरह से तैयार किया जाता है, जिससे वह हर परिस्थितियों का सामना कर पाते हैं।

दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक ही इंडियन आर्मी।- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE (PTI) दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक ही इंडियन आर्मी।

नई दिल्ली: भारतीय सेना की गिनती दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में होती है। भारतीय सेना की यही खासियत होती है कि ये हर मोर्चे पर किसी भी तरह की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होती है। भारतीय सेना में जो जवान भर्ती होते हैं, उन्हें कुछ इस तरह से तैयार किया जाता है कि वह किसी भी हाल में चाहे कैसी भी स्थिति हो वह उससे आसानी से निपट लेते हैं। देश में कोई प्राकृतिक आपदा की स्थिति हो या देश की सीमा की सुरक्षा से लेकर बाहरी आक्रमणों का इंडियन आर्मी डटकर मुकाबला करती है। ऐसे में हम इंडियन आर्मी की इसी खासियत के बारे में विस्तार से जानेंगे।

जवानों को दी जाती है खास ट्रेनिंग

दरअसल, पूरे भारत की जलवायू और संरचना अपने आप में अलग है। भारत के उत्तर में जहां भीषण ठंड पड़ती है तो वहीं राजस्थान जैसे इलाकों में गर्मी से हाल बेहाल रहता है। इसके अलावा नक्सलियों से मुकाबला करना हो या बाहरी आतंकवादियों से इन सभी मोर्चों से अगर कोई मुकाबला कर सकता है तो उसके लिए इंडियन आर्मी का नाम सबसे ऊपर आता है। इंडियन आर्मी के जवानों को इसके लिए खास ट्रेनिंग दी जाती है। आर्मी के जवानों को इस परिस्थितियों ने निपटने के लिए 20 सप्ताह की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।

अलग-अलग जगहों पर बने ट्रेनिंग सेंटर

भारतीय सेना के जवानों का चयन होने के बाद उन्हें देश के अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटरों में भेजा जाता है। अलग-अलग स्थानों पर ट्रेनिंग सेन्टर में होती है। 20 सप्ताह तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में एक सिविलियन को ट्रेन्ड फौजी बना दिया जाता है। इस दौरान हर जवान को ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और स्वाभावित रूप से भी मजबूत बनाया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान जवानों के फिजिकल फिटनेस पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है। इसमें जवानों की रनिंग, एक्सरसाइज, वर्टिकल रोप, हॉरिजेंटल रोप, पुश-अप, पुल-अप, फ्रंट रोल और बैक रोल प्रमुख होते हैं। 

इस तरह से जवानों को किया जाता है तैयार

इसके अलावा जवानों को ड्रिल ट्रेनिंग दी जाती है, जो अक्सर हम गणतंत्र दिवस की परेड पर भी देखते हैं। ड्रिल ट्रेनिंग के तहत जवानों को उनके रहन-सहन, खान-पान, उनका पहनावा आदि चीजों की ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग जवानों को डिसिप्लिन सिखाती है। ड्रिल की ट्रेनिंग के बाद से सेना के जवान हर काम को एक नियम के अनुसार करते हैं। इसके बाद जवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें जवानों को हथियार चलाने के अलावा हथियारों के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें शूटिंग के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है। 

ट्रेनिंग के दौरान क्या-क्या करते हैं जवान

  • सुबह 3 से 4 बजे तक सो कर उठ जाना
  • ट्रेनिंग से पहले आसपास के इलाके की सफाई आदि का काम करना
  • 5:30 बजे के बाद शुरू होती है एक्सरसाइज
  • 7 बजे नाश्ता करने के बाद दोबारा 8 बजे से शुरू होती है ट्रेनिंग
  • दोपहर 1 बजे तक ड्रिल, वेपन और पीटी की कराई जाती है ट्रेनिंग
  • 2:30 बजे तक लंच और अन्य कार्यों के लिए मिलता है समयॉ
  • 4:30 बजे तक आस-पास के एरिया को करना होता है मेंटेन
  • शाम के समय स्पोर्ट्स की एक्टिविटी में लेना होता है हिस्सा
  • 6:30 बजे समाप्त होती है ट्रेनिंग
  • 8 बजे डिनर के बाद अगले दिन फिर शुरू होती है ट्रेनिंग

ट्रेनिंग के बाद की जाती है पोस्टिंग

ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद जवानों को अलग-अलग जगहों पर पोस्टिंग के लिए भेज दिया जाता है। इसके साथ ही एक सिविलियन को पूरी ट्रेनिंग देकर सेना का जवान बना दिया जाता है जो भारत के हर परिस्थिति में हर मुश्किलों का सामना करने में सक्षम होता है। वहीं ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाने पर जवानों की दोबारा से ट्रेनिंग कराई जाती है और उनकी ट्रेनिंग का समय भी बढ़ा दिया जाता है। 

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