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Hindi News भारत राष्ट्रीय WhatsApp से कोर्ट ने कहा, Privacy Policy पर सरकार को 2021 में दिए गए हलफनामे को सार्वजनिक करो

WhatsApp से कोर्ट ने कहा, Privacy Policy पर सरकार को 2021 में दिए गए हलफनामे को सार्वजनिक करो

जस्टिस केएम जोसफ के नेतृत्व वाली 5 जजों की पीठ ने वॉट्सऐप से कहा कि सरकार को दिए गए हलफनामे को सार्वजनिक करने के लिए 5 अखबारों में विज्ञापन दिया जाए।

WhatsApp Privacy Policy, WhatsApp Privacy Policy Case, WhatsApp Policy- India TV Hindi Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सऐप से प्राइवेसी पॉलिसी पर दिए हलफनामे को सार्वजनिक करने को कहा है।

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को WhatsApp को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार को 2021 में दिए गए अपने इस हलफनामे को व्यापक रूप से सार्वजनिक करे कि वह उसकी नयी निजता नीति या Privacy Policy पर सहमति नहीं जताने वाले यूजर्स के लिए उपयोग की सीमा तय नहीं करेगा। वॉट्सऐप ने 22 मई 2021 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखे एक पत्र में सरकार को आश्वासन दिया था कि यूजर्स की गोपनीयता सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है और यह उपयोग की सीमा तय नहीं करेगी।

छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी अदालत
सुप्रीम कोर्ट कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी नामक छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के बीच यूजर्स की कॉल, तस्वीरें, संदेश, वीडियो और दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिए हुए समझौते को चुनौती दी गई थी और इसे लोगों की प्राइवेसी और बोलने की आजादी का उल्लंघन करार दिया गया था। जस्टिस केएम जोसफ के नेतृत्व वाली 5 जजों की पीठ ने वॉट्सऐप से कहा कि सरकार को दिए गए हलफनामे को सार्वजनिक करने के लिए पांच अखबारों में विज्ञापन दिया जाए।

‘हम चिट्ठी में अपनाए गए रुख पर संज्ञान ले रहे’
इस बेंच में जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार भी शामिल रहे। बेंच ने कहा, ‘हम चिट्ठी में अपनाए गए रुख पर संज्ञान ले रहे हैं और वॉट्सऐप के वरिष्ठ वकील की दलीलों पर संज्ञान ले रहे हैं कि वे सुनवाई की अगली तारीख तक पत्र की शर्तों का पालन करेंगे। हम वॉट्सऐप को यह निर्देश भी देते हैं कि इस पहलू के बारे में 5 राष्ट्रीय अखबारों में 2 बार वॉट्सऐप के यूजर्स को जानकारी दी जाए।’

11 अप्रैल को होगी मामले में अगली सुनवाई
बेंच ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तारीख निर्धारित की। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि संसद भी वॉट्सऐप मामले को देख सकती है। बेंच ने साफ किया कि वह विधायिका के कामकाज को नहीं देख रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग में डेटा संरक्षण विधेयक पेश किया जाएगा। मैसेजिंग ऐप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को संसद द्वारा विधेयक पारित होने का इंतजार करना चाहिए।

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