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Hindi News भारत राष्ट्रीय Prophet Row: हैदराबाद में बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी, AIMIM को किया गया साइड...35 पार्टियां-धार्मिक संगठन होंगे शामिल

Prophet Row: हैदराबाद में बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी, AIMIM को किया गया साइड...35 पार्टियां-धार्मिक संगठन होंगे शामिल

Prophet Row: तहरीक मुस्लिम शबान नाम की पार्टी ने इस मिलियन प्रोटेस्ट मार्च का एलान किया है। रविवार को पार्टी ऑफिस में इस सिलसिले में 4 घंटे तक एक बैठक चली।

Prophet Row- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Prophet Row

Highlights

  • 10 लाख लोगों को जुटाने का बनाया जा रहा प्लान
  • 18 जून को प्रोटेस्ट मार्च का किया जाएगा आयोजन
  • 'ऐसे प्रोटेस्ट में भाग लेने वाले मुसलमान अमन पसंद हैं'

Prophet Row: हैदराबाद में एक बड़े प्रोटेस्ट की तैयारी हो रही है। आने वाले शनिवार को 10 लाख लोगों को जुटाने का प्लान बनाया जा रहा है। बड़ी बात ये है कि जिन राजनैतिक दलों और संगठनों ने इस मिलियन प्रोटेस्ट मार्च का एलान किया है, उसमें ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM का नाम नहीं है।

तहरीक मुस्लिम शबान नाम की पार्टी ने इस मिलियन प्रोटेस्ट मार्च का एलान किया है। रविवार को पार्टी ऑफिस में इस सिलसिले में 4 घंटे तक एक बैठक चली, जिसके बाद ये तय किया गया कि शनिवार 18 जून को धरना चौक से एक मिलियन मार्च प्रोटेस्ट का आयोजन किया जाएगा। 

35 पार्टियां और धार्मिक संगठन लेंगे हिस्सा

इस मिलियन मार्च प्रोटेस्ट के मुख्य आयोजक तहरीक मुस्लिम शबान पार्टी के अध्यक्ष मुश्ताक मलिक के मुताबिक, इस प्रोटेस्ट में पीएफआई, एसडीपीआई, टीआरएस, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित तकरीबन 35 पार्टियां और धार्मिक संगठन हिस्सा लेंगे। मुश्ताक का कहना है कि AIMIM को इस प्रोटेस्ट में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि वो समाज को तोड़ने के आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही है। 

'सड़क पर उतरकर विरोध करना सही तरीका नहीं'

ऐसे में जहां कुछ संगठन पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की प्लानिंग में जुटे हैं, वहीं हैदराबाद की कुछ मुख्य जमातों और मौलानाओं का मानना है कि सड़क पर उतरकर विरोध करना सही तरीका नहीं है। शहर के सभी अहम मौलानाओं ने एक बैठक के बाद कहा कि रसूल की शान में गुस्ताखी करने वालों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर उतरकर प्रोटेस्ट करने की बजाय अलग-अलग इलाकों में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिए जाएंगे। जिला कलेक्टर के दफ्तर के बाहर धरना दिया जाएगा।

'गिरफ्तार करने की बजाय हुकूमत ने चुप्पी साध ली है'

इन मौलानाओं का ये मत है कि ऐसे प्रोटेस्ट में भाग लेने वाले मुसलमान अमन पसंद हैं, लेकिन एक साजिश के तहत कोई इन प्रदर्शनों में शामिल होकर हिंसा फैला रहा है और इसका नुकसान मुसलमानों को हो रहा है। मीटिंग में शामिल होने वाले मुस्लिम धर्म गुरुओं का ये भी मत है कि रसूल के खिलाफ बयानबाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और ऐसा करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की बजाय हुकूमत ने चुप्पी साध ली है, बल्कि उल्टे उन लोगों के घर तोड़े जा रहे हैं, जो इन लोगों की गुस्ताखी के विरोध में प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

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