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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma's Blog : संसद में चार दिनों से कामकाज ठप

Rajat Sharma's Blog : संसद में चार दिनों से कामकाज ठप

सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों जनता के सामने साबित करना चाहते हैं कि मेरी कमीज़ तुम्हारी कमीज़ से ज्यादा सफेद है। इस चक्कर में संसद का काम ठप पड़ा है। ये जनता के पैसे की बर्बादी है।

इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

संसद के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष की ओर से हो रही नारेबाजी के कारण पिछले चार दिनों से कामकाज ठप है। राहुल गांधी के 'लोकतंत्र पर हमले' वाले बयान को देश का अपमान बताते हुए बीजेपी उनसे माफी की मांग कर रही है, वहीं सभी विपक्षी दल अडानी विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रहे हैं । बृहस्पतिवार को राहुल गांधी पहली बार संसद पहुंचे और उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अनुमति दी जाए तो वे इसपर कुछ बोलना चाहेंगे । अहम बात यह है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में लोकतंत्र का गला घोंटने की बात करके और संसद  में बोलने से रोकने का इल्जाम लगाकर बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है । अब विरोधी दलों के नेताओं को लग रहा है कि राहुल के चक्कर में उनका नुकसान हो गया है । अडानी के नाम पर उन्होंने जो कैंपेन खड़ा किया था उसकी हवा निकलती जा रही है । इस समय हालत ये है कि दोनों पक्ष संसद और मीडिया का इस्तेमाल एक-दूसरे पर हावी होने के लिए कर रहे हैं। दोनों जनता के सामने साबित करना चाहते हैं कि मेरी कमीज़ तुम्हारी कमीज़ से ज्यादा सफेद है । इस चक्कर में संसद का काम ठप पड़ा है। ये जनता के पैसे की बर्बादी है ।

अदालत में व्हीलचेयर पर लालू

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद बुधवार को 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए । वे व्हीलचेयर पर बैठकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के साथ अदालत पहुंचे । अदालत ने लालू, राबड़ी और मीसा समेत सभी 15 आरोपियों को जमानत दे दी । इस मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी । लालू को जमानत की खबर मिलते ही आरजेडी के खेमे में जश्न का माहौल बन गया । ऐसा लग रहा था मानो लालू प्रसाद की जीत हो गई है । चूंकि इस मामले में लालू यादव समेत किसी भी आरोपी को सीबीआई ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जबकि चार्जशीट भी फाइल हो चुकी है, इसलिए अदालत ने इन्हें जमानत दे दी ।  सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि अगर जांच के दौरान गिरफ्तारी नहीं हुई हो और चार्जशीट फाइल हो चुकी हो तो कुछ कानूनों के तहत दर्ज हुए केसों को छोड़ कर बाकी मामलों में आरोपी को जमानत मिलनी चाहिए । इस केस का मेरिट कुछ भी हो लेकिन जिसने भी लालू को मास्क लगाए व्हील चेयर पर बैठकर अदालत में जाते देखा, उसकी सहानूभूति लालू के साथ होगी । सब जानते हैं कि लालू  सिंगापुर के एक अस्पताल से किडनी का ट्रांसप्लांट करवा कर लौटे हैं। उनका इम्युनिटी लेवल कम है। ऐसे मरीज को भीड़भाड़ में जाने से इन्फेक्शन का खतरा रहता है । इसलिए अगर लालू को अदालत में नहीं बुलाया गया होता तो बेहतर होता । राजनीति अपनी जगह है लेकिन मेडिकल कंडीशन को देखते हुए लालू को ये रियायत दी जानी चाहिए थी ।

महाराष्ट्र में किसान परेशान

महाराष्ट्र में एक ओर जहां पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, वहीं दूसरी ओर हजारों किसान, आशा कार्यकर्ता और आदिवासी करीब 200 किमी लंबे मार्च पर हैं । यह मार्च डिंडोरी से शुरू हुआ और नासिक होते हुए मुंबई पहुंचेगा । ये लोग प्याज उगानेवाले किसानों के लिए प्रति क्विंटल 600 रुपये सब्सिडी, 12 घंटे लगातार बिजली आपूर्ति और कृषि लोन माफ करने की मांग कर रहे हैं । ये बात सही है कि महाराष्ट्र में किसानों को उनकी फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। कुछ दिन पहले मैंने आपको 'आज की बात' शो में दिखाया था कि लासलगांव में एक किसान को 512 किलो प्याज के बदले सिर्फ 2 रुपए 49 पैसे का चेक मिला जबकि मार्केट में प्याज 25 रुपए किलो बिक रहा है । ये स्थिति ठीक नहीं है । हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने प्याज पर प्रति क्विटंल 300 रुपए की सब्सिडी दी है लेकिन ये नाकाफी है । क्योंकि किसानों का कहना है कि एक क्विटंल प्याज उगाने पर करीब 12 सौ रुपए का खर्चा आता है । इसी तरह आलू, टमाटर और लहसुन उगाने वाले किसान भी परेशान हैं । इसलिए सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए । पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से किसान विभिन्न मंचों से अपनी बात उठा रहे थे। अगर एकनाथ शिन्दे की सरकार पहले ही किसानों से बात करती और कोई रास्ता निकालती तो किसानों को सड़क पर आने की जरूरत ही नहीं पड़ती । लेकिन लगता है कि एकनाथ शिंदे का ज्यादा ध्यान अभी भी उद्धव ठाकरे की सेना को तोड़ने में लगा है । वे रोज किसी ना किसी लीडर को अपनी पार्टी में शामिल कराते हैं और इस उपलब्धि पर खुश होते रहते हैं । लेकिन इस चक्कर में नुकसान जनता का हो रहा है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड

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