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Hindi News भारत राष्ट्रीय CJI चंद्रचूड़ ने साझा की ‘खुशखबरी’, कहा- पूरे देश में बढ़ रही है महिला जजों की संख्या

CJI चंद्रचूड़ ने साझा की ‘खुशखबरी’, कहा- पूरे देश में बढ़ रही है महिला जजों की संख्या

एक केस की सुनवाई के दौरान बड़ी ‘खुशखबरी’ साझा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में महिला जजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है और यह 15 साल पहले उठाए गए कदमों का नतीजा है।

women judges, Supreme Court, CJI Chandrachud- India TV Hindi Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़।

नई दिल्ली: देश के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को महिला जजों की संख्या में हो रही अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी के बारे में बात की। चीफ जस्टिस ने कहा कि अब पूरे देश में महिला जजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। चीफ जस्टिस ने एक केस की सुनवाई की शुरुआत में कहा, ‘हम एक खुशखबरी साझा करना चाहते हैं। यहां (कोर्ट रूम की) पिछली पंक्ति में महाराष्ट्र के दीवानी न्यायाधीश कनिष्ठ प्रभाग के 75 जज बैठे हैं। कुल 75 जजों के इस ग्रुप में से 42 महिलाएं और 33 पुरुष हैं। यह राष्ट्रव्यापी स्तर पर हो रहा है। महिला जजों की संख्या ज्यादा है।’

‘यह 15 साल पहले उठाए गए कदमों का नतीजा है’
बेंच में इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी मौजूद थे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वह लंच के दौरान महिला जजों समेत जूनियर अफसरों से मुलाकात करेंगे। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे समेत कुछ वकीलों ने चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। CJI ने कहा, ‘आज की गई नियुक्तियां 15 साल पहले उठाए गए कदमों का परिणाम हैं।’

सीनियर वकील विकास सिंह ने लिखा था पत्र
बता दें कि हाल में ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने CJI को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका में उच्च स्तर पर जजों के एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था। उन्होंने हाल ही में संसद में पारित किए गए विधेयक का जिक्र किया, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीट आरक्षित किए जाने का प्रावधान किया गया है।

5 हाई कोर्ट्स में एक भी महिला जज नहीं!
3 बार SCBA के अध्यक्ष रहे सिंह ने लिखा कि पटना, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर के हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं है, जबकि शेष 20 हाई कोर्ट में 670 पुरुष जजों की तुलना में 103 महिला जज हैं। (भाषा)

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