भारत में कुछ फिल्मों के डॉयलॉग दशकों तक पॉपुलर रहते हैं। ऐसा ही एक डॉयलॉग सनी देओल का 'तारीख पे तारीख' है। हालांकि, इस बार ये डॉयलॉग देश के मुख्य न्यायधीश ने प्रयोग किया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
चुनावी बॉन्ड के विरोध में दायर की गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
राजनीतिक दलों को चंदे के लिए 2018 में लाई गई ‘चुनावी बॉन्ड’ योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने सुनवाई आज से शुरू कर दी है।
एक केस की सुनवाई के दौरान बड़ी ‘खुशखबरी’ साझा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में महिला जजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है और यह 15 साल पहले उठाए गए कदमों का नतीजा है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दुनिया भर के कई देश भारत के विपरीत हथियारों के माध्यम से अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं।
'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल की याचिका कर दी थी। 123 पन्ने के फैसले में जस्टिस हेमंत ने कहा था कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का कोई 'आधार' नहीं है।
मणिपुर हिंसा मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार दोपहर 2 बजे CJI के कोर्ट में जारी रहेगी। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए कमिटी बनाने की भी बात कही है।
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने तकनीक और AI को लेकर अपनी चिता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम इसके साथ आगे तो बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर रहे हिं, जोकि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज ने ट्रेन में 'असुविधा' होने पर भारतीय रेलवे के अफसरों पर नाराजगी जताई थी और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को एक पत्र भेजा था।
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी को शपथ दिलाई।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कई अहम मामलों को लेकर सुनवाई होगी। इन मामलों में कोर्ट की तरफ होने वाली टिप्पणियों पर देशभर की नजर बनी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के 3 सदस्यों वाले कॉलेजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट, गुजरात हाई कोर्ट, उड़ीसा हाई कोर्ट, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केरल हाई कोर्ट, तेलंगाना हाई कोर्ट और मणिपुर हाई कोर्ट के लिए नए चीफ जस्टिस के नामों की सिफारिश की है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने बड़ी बात कही है, उन्होंने बताया कि लोगों के लिए कानून का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि कानून में मानवता का स्पर्श होना चाहिए और समस्याओं की जड़ों को दूर करने के लिए हमेशा संवेदनशीलता के साथ इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से अफसोस जताते हुए कहा, आज सुबह जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। एक लक्ष्मण रेखा है, जिसे हममें से किसी को पार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि बार को मर्यादा की सीमाओं को पार करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ ने दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। बता दें कि शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 34 होनी चाहिए थी, जो आज दो जजों के शपथ लेने के साथ ही पूरी हो गई।
इन पांच जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 32 हो जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट के ने जजों पर काम का बोझ भी कुछ हद तक कम हो जायेगा।
भारत के मुख्य न्यााधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत के लिए कोई आम या खास नहीं होता, कोर्ट की नजर में सभी समान हैं।
कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने पांचों जजों के नामों की घोषणा की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। बता दें कि इन जजों के शपथ के साथ ही शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 पहुंच जाएगी। वर्तमान में शीर्ष अदालत में भारत के मुख्य न्यायधीश समेत 27 न्यायधीश कार्यरत हैं।
CJI DY Chandrachud Spoke on Emergency in 1975: देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा वर्ष 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की चर्चा समय-समय पर होती रहती है। इसे लेकर कई बार पक्ष और विपक्ष में तकरार भी हो चुकी है। मगर इमरजेंसी का यह फैसला देश के माथे पर ऐसा कलंक बन चुका है कि जिसका जिक्र यदा-कदा हो ही जाता है।
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि लोगों को न्याय की तलाश में अदालतों तक पहुंचने के बजाय लोगों तक पहुंचने के लिए अदालतों को फिर से तैयार किया जाए।
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