वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पिंकी आनंद सहित देश के 600 से अधिक वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट CJI चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि एक समूह देश में न्यायपालिका को कमजोर करने में जुटा हुआ है।
तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि को फटकारते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बाद गवर्नर कैसे कह सकते हैं कि उनका फिर से मंत्रिमंडल में शामिल होना संवैधानिक नैतिकता के विरुद्ध है?
गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक अदालतों को मामलों का फैसला करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जमीनी स्तर के मुद्दे केवल संबंधित अदालतों को ही पता होते हैं और ऐसे आदेश केवल असाधारण परिस्थितियों में ही पारित किए जा सकते हैं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि जब वह कोरोना संक्रमण से पीड़ित थे तो पीएम मोदी ने फोन कर के उनके लिए वैध और दवाइयों की व्यवस्था की थी। सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये भी बताया कि वह योग करते हैं और शाकाहारी आहार का पालन करते हैं।
पिछले गुरुवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में महिलाओं के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न और हिंसा को लेकर प्रदर्शन कर रहे पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प के बीच फंसने के बाद मजूमदार बीमार पड़ गए। मजूमदार को अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन किया और डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0, अदालत की नई वेबसाइट सहित कई नागरिक केंद्रित सूचना और प्रौद्योगिकी पहल की शुरुआत की।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को डांटते हुए कहा कि अगर उन्होंने ऊंची आवाज में बात की तो वह उन्हें कोर्ट से बाहर निकलवा देंगे। इसके बाद वकील ने CJI से माफ़ी मांगी।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए हमारे यहां कॉलेजियम प्रणाली है जो 1993 से हमारी न्याय व्यवस्था का हिस्सा है और इसी प्रणाली को हम लागू करते हैं। लेकिन यह कहने के बावजूद, कॉलेजियम प्रणाली के मौजूदा सदस्यों के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम इसे कायम रखें तथा इसे और पारदर्शी बनाएं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पीटीआई-भाषा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि न्यायाधीश अपने निर्णय के माध्यम से अपनी बात कहते हैं जो फैसले के बाद सार्वजनिक संपत्ति बन जाती है।
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि समलैंगिक जोड़ों ने अपने अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया और यह बात उनके ध्यान में थी।
देश को ध्रुवीकृत करने वाले मामले में सर्वसम्मत निर्णय सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 2019 में कहा था कि हिंदुओं की इस आस्था को लेकर कोई विवाद नहीं है कि भगवान राम का जन्म संबंधित स्थल पर हुआ था, और प्रतीकात्मक रूप से वह संबंधित भूमि के स्वामी हैं।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। चार साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के विवादित भूमि पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले पर किसी भी न्यायाधीश के नाम का उल्लेख नहीं किया गया। इस मामले पर अब सीजेआई चंद्रचूड़ ने बयान दिया है।
साल खत्म होने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 दिसंबर 2023 तक उसके पास 49,191 मामले आए। इसके साथ ही कोर्ट इतने समय तक 52,191 मामलों का निपटारा किया।
भारत में कुछ फिल्मों के डॉयलॉग दशकों तक पॉपुलर रहते हैं। ऐसा ही एक डॉयलॉग सनी देओल का 'तारीख पे तारीख' है। हालांकि, इस बार ये डॉयलॉग देश के मुख्य न्यायधीश ने प्रयोग किया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
चुनावी बॉन्ड के विरोध में दायर की गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो चुकी है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
राजनीतिक दलों को चंदे के लिए 2018 में लाई गई ‘चुनावी बॉन्ड’ योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने सुनवाई आज से शुरू कर दी है।
एक केस की सुनवाई के दौरान बड़ी ‘खुशखबरी’ साझा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में महिला जजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है और यह 15 साल पहले उठाए गए कदमों का नतीजा है।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दुनिया भर के कई देश भारत के विपरीत हथियारों के माध्यम से अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं।
'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल की याचिका कर दी थी। 123 पन्ने के फैसले में जस्टिस हेमंत ने कहा था कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का कोई 'आधार' नहीं है।
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