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Hindi News भारत राष्ट्रीय खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के पट, तिमुंडिया वीर को लगाया 40 किलो चावल और एक बकरे का भोग... बद्रीनाथ यात्रा का आगाज

खुले गंगोत्री-यमुनोत्री के पट, तिमुंडिया वीर को लगाया 40 किलो चावल और एक बकरे का भोग... बद्रीनाथ यात्रा का आगाज

जोशीमठ में तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया मेले का आयोजन हुआ। पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी रूप में मनाई जा रही है।

yamunotri dham- India TV Hindi Image Source : PTI यमुनोत्री धाम

ऋषिकेश: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर आज विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए है। पौराणिक परंपरा अनुसार अक्षय तृतीया को यमुनोत्री धाम में विधिवत पूजा अर्चना के साथ अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कपाट खोले। खरसाली से मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम के लिए सुबह करीब 9.15 बजे शनि देव की डोली के साथ रवाना हुई। इससे पहले हेलीकॉप्टर से मां यमुना की डोली, यमुना मंदिर और श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा की गई।

6 महीने के लिए खुले यमुनोत्री धाम के कपाट
मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली में अक्षय तृतीया को सुबह यमुना मंदिर में पूजा अर्चना की गई जिसमे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। इसके बाद मां यमुना की डोली को यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया। खरसाली से शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम पहुंची, जहां यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की और शुभ मुहूर्त पर दोपहर 12:41 बजे अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट 6 महीने तक ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए है। 6 महीने तक देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री ग्रीष्मकाल में मां यमुना के दर्शन यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे।

तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज
वहीं, जोशीमठ में तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया मेले का आयोजन हुआ। पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी रूप में मनाई जा रही है। ऐसी परंपरा है कि इस मेले का आयोजन बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से सप्ताह भर पहले पड़ने वाले शनिवार को होता है। हर वर्ष यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु मेले को देखने पहुंचते हैं लेकिन इस बार चारधाम यात्रा का आगाज आज की भीड़ से ही देखा जा सकता है जहां जोशीमठ में 7 हजार से ज्यादा लोग मेला देखने पहुंचे। मेले की खासियत होती है कि यहां वीर तिमुंडिया का अवतारी पुरुष मांस का सेवन करता है।

चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए लगता है मेला
तिमुंडिया वीर पूरे प्रांगण में चमत्कारिक, अद्भुत व अविश्वसनीय तरीके से नृत्य करते हुए एक बकरे का मांस खाता है। इसके बाद 40 किलो कच्चा चावल और 10 किलो गुड़ का भोग लगाता है जो कि आम जनता के बीचो-बीच लगाता है। यह मेला हर वर्ष चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए मनाया जाता है।

(कमल अरोड़ा की रिपोर्ट)

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