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Hindi News भारत राजनीति 'कभी कभी भोंपू को गलतफहमी हो जाती है', PK पर बरसे संजय जायसवाल

'कभी कभी भोंपू को गलतफहमी हो जाती है', PK पर बरसे संजय जायसवाल

बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जदयू से निष्कासित प्रशांत किशोर पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा कि अब जनता बहुत जागरूक हो चुकी है और राजनीति को धंधा बनाने वाले सफल नहीं होंगे।

<p>Prashant Kishor</p>- India TV Hindi Prashant Kishor

पटना: बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जदयू से निष्कासित प्रशांत किशोर पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा कि अब जनता बहुत जागरूक हो चुकी है और राजनीति को धंधा बनाने वाले सफल नहीं होंगे। जायसवाल ने फेसबुक के जरिए प्रशांत पर प्रहार करते हुए एक विश्व प्रसिद्ध कंपनी के ‘स्पीकर’ का उदाहरण दिया और कहा कि दुनिया में इस भोंपू को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पर कभी-कभी स्पीकर को यह गलतफहमी हो जाती है कि इस सुरीली आवाज का कारण वह स्वयं है।

उन्होंने कहा, ''वह भूल जाता है कि और भोंपुओं के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खर्च उस पर हुआ है और वह यह समझने लगता है कि जो भी अच्छी आवाज निकल रही हैं उसका कारण गाने वाला नहीं बल्कि वह स्वयं है।'' जायसवाल ने प्रशांत पर प्रहार करते हुए कहा, ''धंधा अच्छे से चलता रहे उसके लिए नया गुर सीखा है। जिस राज्य में जो जीतने वाला दल हो उसको अपनी मुफ्त सेवा देना और बाद में अपनी पुरानी फोटो लगाकर अपने को सफल व्यवसायी बताना बहुत ही पुराना घटिया तरीका है।''

उन्होंने प्रशांत पर प्रहार जारी रखते हुए कहा, ''जिसने भाजपा के साथ धंधा करके अपनी पहचान बनाई वह आज 1990 (राजद शासनकाल) का फॉर्मूला आजमा रहे हैं। उस समय भी सभी चोर डकैतों को लगता था कि हम किसी नेता के लिए बूथ क्यों लूटें, उससे अच्छा है कि खुद ही नेता बन जाएं और एक कालखंड में सफलता भी मिली। पर आज जनता बहुत जागरूक हो चुकी है और आज की राजनीति में जैसे उस जमाने के गुंडों और मवालियों को कोई वोट नहीं देता है उसी प्रकार पैसे के बल पर कोई राजनैतिक धंधेबाज अगर सोच रहा है की वह सफल हो जाएगा तो आज केवल जनप्रतिनिधि पैसे वाले ही होते।'' जायसवाल ने कहा, ''जीवन में मैंने बहुतों को देखा कि जो राजनीति में आए और राजनीति को धंधा बना लिया पर यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि एक राजनैतिक धंधेबाज अब राजनीति कर रहा है।''

उल्लेखनीय है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रशांत पर मंगलवार को प्रहार करते हुए प्रश्न किया था कि जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे? बिहार में सत्ताधारी जदयू से निष्कासित और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास माडल पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को उनसे पूछा था कि वे कितने दिनों तक लालू प्रसाद के राजद शासन काल से ही अपनी तुलना करते रहेंगे और पूछा था कि उनके 15 साल तक बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहने के बाद भी यह राज्य महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक के मुकाबले आज कहां खडा है?

प्रशांत ने नीतीश से कहा था कि अगर वे भाजपा के साथ रहना चाहते हैं तो उसमें उन्हें दिक्कत नहीं है पर गांधी और गोडसे साथ नहीं चल सकते। पार्टी के नेता के तौर पर आपको बताना पड़ेगा कि हम किस ओर खडे हैं। प्रशांत ने कहा था कि हम लोग वह नेता चाहते हैं जो सशक्त और समृद्ध भारत और बिहार के लिए अपनी बात कहने के वास्ते किसी का पिछलग्गू नहीं बने।

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