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Hindi News भारत राजनीति हिंसा से किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

हिंसा से किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।

CPM, Sitaram Yechury, Sitaram Yechury Tear Gas, Sitaram Yechury Lathicharge- India TV Hindi Image Source : PTI CPM ने कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।

नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता। पार्टी ने संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आंदोलन जारी रखने के फैसले का भी समर्थन किया। पार्टी के पोलित ब्यूरो ने ट्रैक्टर परेड की सराहना करते हुए कहा, ‘एक लाख से अधिक ट्रैक्टर इस परेड में शामिल हुए। देश के दूसरे राज्यों में इसी तरह की परेड का आयोजन किया गया। अप्रिय घटनाएं हुईं जिनसे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता। इस तरह की घटनाएं कुछ उकसाने वालों की करतूत हैं और इनमें से कुछ का संबंध सत्तारूढ़ पार्टी से है।’

‘सरकार कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करे’
CPM से साथ ही कहा कि इन घटनाओं को पूरे किसान आंदोलन ने खारिज किया है। पार्टी ने केंद्र से यह आग्रह भी किया कि वह तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करे। गौरतलब है कि किसान समूहों की, ट्रैक्टर परेड के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने किसान समूहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया। दिल्ली की सीमा पर कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए। ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लाल किले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर अपने झंडे लगा दिए थे।

‘मोदी सरकार के चलते यहां तक पहुंचे हालात’
इससे पहले मंगलवार को देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की निंदा की थी और आरोप लगाया था कि सरकार ने समय रहते हालात नहीं संभाले तथा स्थिति बिगड़ने दी। CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया था, ‘मोदी सरकार द्वारा हालात को यहां तक पहुंचाया गया। किसान 60 दिनों से सर्दीं के बीच शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया गया। 100 से अधिक किसानों की मौत हो गई। हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है और यह अस्वीकार्य है। लेकिन भाजपा की ट्रोल आर्मी अपने अधिकार मांगने वालों को बदनाम करती है, मंत्री निराधार आरोप लगाते हैं, विधि अधिकारी अदालत में बिना किसी आधार के दावे करते हैं। किसानों की वाजिब मांगों के निदान का यह कोई तरीका नहीं है।’

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