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Hindi News भारत राजनीति 'पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों'

'पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों'

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ नागरिकों के संकल्प शक्ति का परिचायक है। 

For the first time a new argument has come, we did not ask, so why did you give: Modi- India TV Hindi Image Source : LOK SABHA TV पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ नागरिकों के संकल्प शक्ति का परिचायक है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों, लेना न लेना आपकी मर्जी है, ऑप्शनल है, एक व्यवस्था है, कंपल्सरी नहीं है, मांगा और दिए का मतलब नहीं होता है।" 

पीएम मोदी ने आगे कहा, "इस देश में बहस के खिलाफ कानून बने, किसी ने मांग नहीं की थी फिर भी कानून बना, ट्रिपल तलाक के लिए किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन कानून बना, बाल विवाह के खिलाफ किसी ने कानून की मांग नहीं की थी लेकिन कानून बना, शादी की उम्र बढा़ने के कानून के लिए किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन प्रगतिशील विचार के साथ वह निर्णय किया गया। बेटियों को संपत्ति में अधिकार की किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन समाज के लिए आवश्यक था इसलिए बनाया गया।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि शिक्षा को अधिकार देने की बात किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन बदलाव के लिए आवश्यक होता है तो कानून बनते हैं। क्या कभी भी इतने सुधार हुए और बदते हुए समाज ने इसको स्वीकार किया या नहीं। इससे पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस के मनीष तिवारी को जवाब देते हुए कहा, "ये भगवान की ही कृपा है कि कोरोना से दुनिया हिली लेकिन भारत बचा रहा। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स भगवान बनकर आए। कोरोना काल में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर भी भगवान के ही रूप में आया।"

उन्होंने कहा, "वो डॉक्टर, वो नर्स भगवान का रूप बनकर आए थे, क्योंकि वे अपने छोटे-छोटे बच्चों को शाम को घर लौटूंगा कहकर घर से जाते थे, 15-15 दिन तक लौट नहीं सकते थे वो भगवान का रूप ही थे। हम कोरोना से जीत पाए क्योंकि यह हमारे सफाई कर्मचारी मौत और जिंदगी का खेल उनके लिए भी था, लेकिन जिस मरीज के पास कोई नहीं जा सकता था मेरा सफाई कर्मचारी वहां जाकर उसे साफ सुथरा रखने का प्रयास करता था।"

पीएम ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है, भारत में भी भय का वातावरण पैदा करने के प्रयास हुए थे, विश्वास से कोई कुछ कर और कह नहीं सकता लेकिन इतनी कम व्यवस्थाओं वाला देश तो दुनिया में शक होना स्वाभाविक था। लेकिन 130 करोड़ देशवासियों के समर्पण ने हमें बचाकर रखा है। इसका गौरव गान हमें करना चाहिए। भारत की पहचान बनाने के लिए भी यह अवसर है।

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