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Hindi News भारत राजनीति जम्मू कश्मीर के निकाय चुनाव में एक चिड़िया को भी नुकसान नहीं पहुंचा: राज्यपाल

जम्मू कश्मीर के निकाय चुनाव में एक चिड़िया को भी नुकसान नहीं पहुंचा: राज्यपाल

राज्यपाल ने संतोष प्रकट करते हुए कहा, यह बहुत अच्छा रहा। चार चरणों में मतदान संपन्न हुआ और एक चिड़िया तक को नुकसान नहीं पहुंचा। यह शांतिपूर्ण मतदान रहा।

<p>Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik</p>- India TV Hindi Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि राज्य में निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए हैं और इनमें ‘एक चिड़िया तक को नुकसान नहीं पहुंचा’। राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का अंतिम चरण संपन्न होने के कुछ ही समय बाद पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में मलिक ने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को निकाय चुनावों का बहिष्कार नहीं करना चाहिए था और उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35ए और 370 इस चुनाव के मुद्दों में शामिल ही नहीं थे।

एनसी और पीडीपी ने घोषणा की थी कि वे संविधान के इन अनुच्छेदों को कानूनी चुनौती दिये जाने को लेकर चुनाव में भाग नहीं लेंगे। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने पर संतोष प्रकट करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छा रहा। चार चरणों में मतदान संपन्न हुआ और एक चिड़िया तक को नुकसान नहीं पहुंचा। यह शांतिपूर्ण मतदान रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज श्रीनगर में 9578 मतदाताओं ने मतदान किया। गांदेरबल में 1000 वोट पड़े। यह मतदान पिछले कुछ चुनावों की तुलना में बेहतर रहा।’’

राज्यपाल ने कहा कि चुनावों की वास्तविक उपलब्धि यह रही कि ये शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए और लोग बिना डर के मतदान के लिए निकले। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक तथ्य की अनदेखी की जा रही है। चार चरणों में चुनाव संपन्न हुआ और एक चिड़िया तक को नुकसान नहीं पहुंचा। यह शांतिपूर्ण चुनाव रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी तरह की धांधली या आचार संहिता के उल्लंघन की या सरकार द्वारा हस्तक्षेप की कोई शिकायत नहीं रही।’’

राज्य में 79 नगर निकायों के लिए चुनाव आठ अक्टूबर को शुरू हुए थे और मंगलवार को आखिरी चरण के साथ मतदान संपन्न हो गया।

जब राज्यपाल से पूछा गया कि क्या कश्मीर में कम मतदान को देखते हुए चुनाव और बेहतर तरीके से हो सकते थे तो मलिक ने कहा कि इससे बेहतर नहीं हो सकते थे। मलिक ने कहा, ‘‘यह सर्वश्रेष्ठ था। मैं प्रशासन, पुलिस को बधाई देता हूं और जनता को, जो बिना डर के भाग लेने आई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन राजनीतिक दलों को बहिष्कार नहीं करना चाहिए था। यह निराशाजनक रहा। उन्हें चुनाव में भाग लेना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मुझे कोई फायदा नहीं होना। उन्हें लोगों को मतदान करने देना चाहिए था।’’

मलिक ने कम मतदान के पीछे कई कारण गिनाए जिनमें हुर्रियत कान्फ्रेंस का असर, एनसी और पीडीपी का बहिष्कार और बंदूक का डर शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘दो पार्टियों ने बहिष्कार किया, हुर्रियत ने बायकॉट का आह्वान किया, आतंकियों का खतरा था और अनुच्छेद 35-ए तथा अनुच्छेद 370 जैसे विषयों को मुद्दा बनाया गया जो चुनाव का मुद्दा थे ही नहीं। इन वजहों से मतदान बहुत कम रहा लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि राजौरी, पूंछ और उरी जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में 70 से 80 प्रतिशत तक मतदान हुआ।’’

अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के मद्देनजर लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मनाने की प्रशासन की योजना के सवाल पर मलिक ने कहा कि वह लोगों से इन चुनावों में भाग लेने की अपील करेंगे क्योंकि इससे इन पंचायतों के स्थानीय क्षेत्रों के विकास के लिए बड़ी निधि मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों से एक बार फिर पंचायत चुनावों में भाग लेने की अपील करुंगा क्योंकि प्रत्येक पंचायत को करोड़ों रुपये मिलेंगे। चुनाव पार्टी आधारित नहीं हैं।’’ मलिक ने कहा, ‘‘वे (एनसी और पीडीपी) छद्म उम्मीदवार ही उतार सकते थे। अगर उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा होगी तो हिंसा की आशंका कम हो जाएगी।’’

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