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Hindi News भारत राजनीति कलेक्टर चाटा कांड: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल बोले- मध्य प्रदेश में कानून का राज खत्म

कलेक्टर चाटा कांड: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल बोले- मध्य प्रदेश में कानून का राज खत्म

मध्य प्रदेश के ब्यावरा में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रविवार को तिरंगा महारैली में कलेक्टर द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को तमाचा मारने और बाद में हुए लाठीचार्ज के बाद अब भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीति शुरू हो चुकी है।

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ब्यावरा: मध्य प्रदेश के ब्यावरा में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में रविवार को तिरंगा महारैली में कलेक्टर द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को तमाचा मारने और बाद में हुए लाठीचार्ज के बाद अब भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीति शुरू हो चुकी है। जहां भाजपा इसे लोकतंत्र का काला दिन करार देते हुए 22 तारीख को ब्यावरा जाकर कलेक्टर एसडीएम के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कह रही है वहीं कमलनाथ सरकार के मंत्री ने कलेक्टर के कदम को सही बताते हुए कहा कि एक्शन का रिएक्शन होता ही है।

विवाद की वजह रविवार को नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में 10 संगठनों द्वारा निकाली गई महारैली थी। इस महारैली के चलते भारी संख्या में भीड़ जमा होने लगी। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी कलेक्टर को दी मौजूद भीड़ को रोकने खुद कलेक्टर निधि निवेदिता ने भीड़ में मौजूद भाजपा के मीडिया प्रभारी को थप्पड़ मारा जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई और महिला डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की चोटी पकड़ उनके साथ अभद्रता की गई। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलकर भाजपा कार्यकर्ता को तमाचा मारने वाली कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा का समर्थन करते हुए ट्वीट कर लिखा, 'महिला जिला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारियों को पीटा गया, बाल खींचे गए। महिला अधिकारियों की बहादुरी पर हमें गर्व है।'

जवाब में सामने आए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए इसे लोकतंत्र का काला दिन करार देते हुए 22 जनवरी को ब्यावरा जाकर कलेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कही है। वही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा  कि मध्य प्रदेश में कलेक्टर द्वारा तमाचा मारे जाने से पता चलता है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है अगर जिले का कलेक्टर खुद किसी कार्यकर्ता को चांटा मार दे तो इसका मतलब है कि कानून का राज अभी बचा नहीं है या उनके प्रशिक्षण में कमी रह गई या उनका कोई राजनैतिक एजेंडा है। अगर पुलिस और प्रशासन ऐसे मामले में कार्रवाई नहीं करेगा तो मध्य प्रदेश का बड़ा नुकसान होने वाला है।

हालांकि इस मामले में पुलिस ने 124 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया है वहीं, डिप्टी कलेक्टर को लात मारने पर 2 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा और मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जाहिर है ऐसे में भाजपा कलेक्टर ओर एसडीएम पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश की सियासत को गरमाने जा रही है।

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