कभी इन पर लगा था ‘अम्मा’ को ज़हर देने का आरोप, आज हैं किंग मेकर
चेन्नई: जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में उनके भावी राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है हालंकि फ़िलहाल जयललिता के अत्यंत विश्वस्त रहे मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक ने पार्टी का नया
चेन्नई: जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में उनके भावी राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है हालंकि फ़िलहाल जयललिता के अत्यंत विश्वस्त रहे मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक ने पार्टी का नया नेता चुन लिया है। जयललिता जब जेल गईं थी तब भी उन्होंने पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद सौंपा था। कहा जा रहा है कि इस बार उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में अम्मा के साथ परछाई की तरह रहने वाली शशिकला की भूमिका है।
शशिकला को जयललिता की ताकत माना जाता था लेकिन 2011 में आरोप लगा कि शशिकला ने पति नटराजन को सीएम बनाने के लिए जयललिता को धीमा ज़हर देकर मारने की कोशिश की थी। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपने घर और पार्टी से निकाल दिया था। यह अलगाव 100 दिन चला। शशिकला द्वारा माफी मांगने पर जयललिता ने उसे दोबारा दोस्त के तौर पर अपना लिया।
राजाजी हॉल में भी पूरे वक्त शशिकला ही जयललिता की पार्थिव देह के पास रहीं। जब अंतिम यात्रा मरीना बीच के लिए रवाना हुई तो शव वाहन में भी शशिकला बैठी हुई थीं। अंतिम संस्कार के वक्त पहले बड़े नेताओं ने फूल चढ़ाए। बाद में एक पुरोहित ने शशिकला से अंतिम रस्में करवाईं।
ऐसा माना जाता है कि शशिकला ही 'एआईएडीएमके' पार्टी के सभी मामले देखती हैं। एआईएडीएमके तमिलनाडु में सत्ता में है तो इसके मायने हैं कि एक प्रकार से वो सरकार के कामकाज पर भी नजर रखती हैं। जयललिता के निधन के बाद सोमवार देर रात ओ.पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु के सीएम पद की शपथ दिलाई गई थी। ऐसे में साफ है कि पार्टी का चेहरा पन्नीरसेल्वम रहेंगे जबकि पार्टी के अहम निर्णय और बैकडोर पॉलीटिक्स की कमान शशिकला के हाथ में रहेगी।
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अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारी ऐलान नहीं हुआ लेकिन जिस तरह का माहौल है और सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शशिकला को जनरल सेक्रेटरी बनाया जाएगा। इस रेस में शशिकला के अलावा थम्मीदुरई भी शामिल हैं लेकिन उनके केंद्र की राजनीति में सक्रीयता के चलते शशिकला का नाम तय बताया जा रहा है।
शशिकला ने जयललिता तक पहुंचने के लिए कई शातिर तरीके अपनाए। यहां तक कि जयललिता को कब-क्या चाहिए, क्या पहनेंगी, सबका ध्यान सिर्फ शशिकला ही रखती थी। इसी के चलते जयललिता की भरोसेमंद बनी। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव से ऐशो-आराम की जिंदगी जीने का सपना लेकर चेन्नई पहुंची शशिकला को राजनीतिक गलियारों में माफिया भी बुलाया जाता था।
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