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Hindi News भारत राजनीति अपनी पसंद का राष्‍ट्रपति बनाने के लिये भाजपा का रास्‍ता हुआ साफ?

अपनी पसंद का राष्‍ट्रपति बनाने के लिये भाजपा का रास्‍ता हुआ साफ?

उत्तर प्रदेश में जीत के बाद भाजपा गठबंधन के पास अब 5,31,954 वोट हैं, जो राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट से मात्र 17,488 कम हैं। भाजपा गठबंधन प्रत्याशी को जीत के लिए 5,49,442 वोटों की आवश्यकता होगी।

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नई दिल्ली: जहां इस साल जुलाई में अगले राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर विपक्षी दल सक्रिय हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसकी उम्मीदों पर पानी फिरने के आसार नजर आने लगे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के लिए अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाने का रास्ता साफ होता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करने की घोषणा की है जिससे भाजपा के उम्मीदवार के राष्ट्रपति बनने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। (ये भी पढ़ें: भारत बना विश्व का चौथा शक्तिशाली देश, ये है इसकी सबसे बड़ी ताकत....)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से समर्थन करने का वादा किया है, क्योंकि मेरा मानना है कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे को छोड़कर उनकी पार्टी का भाजपा के साथ मतभेद नहीं रहा है।

जगन मोहन रेड्डी के मुताबिक भाजपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त समर्थन मौजूद है, ऐसे में विपक्ष द्वारा उम्मीदवार उतारने का कोई मतलब नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प पक्ष यह है कि जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष हैं, जहां टीडीपी की सरकार है जो केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में भी शामिल है।

वैसे ही बीजेपी के नेतृत्‍व वाला एनडीए पहले से ही काफी मजबूत स्थिति में है। 410 सांसद और 1691 विधायकों की ताकत से एनडीए के पास 5,32,019 वोट हैं। उल्‍लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए देश भर के सभी 4120 विधायकों और 776 सांसदों को मिला कर चुनाव मंडल बनता है। उनके वोटों का कुल मूल्य 10,98,882 है और जीतने के लिए 5,49,441 वोट चाहिए। यानी एनडीए को सिर्फ 17,422 वोट ही चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस के पास 16,848 वोट हैं।

उधर टीआरएस और एआईएडीएमके के दोनों धड़े भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का संyrsyकेत दे रही है। टीआरएस के पास 22,048 वोट हैं जबकि एआईएडीएमके के दोनों धड़ों के पास 59,224 वोट हैं। इस तरह से एनडीए के पास जरूरी बहुमत से भी अधिक आंकड़ा बनने के आसार हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में जीत के बाद भाजपा गठबंधन के पास अब 5,31,954 वोट हैं, जो राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट से मात्र 17,488 कम हैं। भाजपा गठबंधन प्रत्याशी को जीत के लिए 5,49,442 वोटों की आवश्यकता होगी।

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