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मेघालय में कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली MDA सरकार से समर्थन वापस ले सकती है बीजेपी

भले ही मुख्यमंत्री संगमा की अध्यक्षता वाली एनपीपी, भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तर पूर्व जनतांत्रिक गठबंधन और NDA का एक महत्वपूर्ण घटक है, भगवा पार्टी के साथ इनके रिश्तों में धीरे-धीरे कई मुद्दों पर खटास आ रही है, विशेष रूप से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन. मारक की गिरफ्तारी के बाद।

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Meghalaya Politics: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एलेक्जेंडर एल. हेक ने सोमवार को कहा कि भाजपा एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (MDA) सरकार से जल्द ही समर्थन वापस ले सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी समिति और कोर कमेटी के निर्णय से केंद्रीय नेताओं को अवगत करा दिया गया है और मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा के नेतृत्व वाली एमडीए सरकार से समर्थन वापस लेने का यह सही समय है। हेक ने बताया कि, पिछले सप्ताह हुई राज्य कार्यकारी समिति और कोर कमेटी की बैठकों में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, संगठन, बी.एल. संतोष भी मौजूद थे। लगभग पूरे 5 साल के कार्यकाल के अंत में सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने के फैसले के पीछे के कारणों के बारे में पूछने पर जवाब देते हुए हेक ने कहा, सही समय आने दीजिए सब कुछ का खुलासा किया जाएगा और विस्तार से समझाया जाएगा।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के मेघालय प्रभारी एम. चुबा आओ ने पहले कहा था कि पार्टी एक महीने के भीतर एमडीए से समर्थन वापस ले सकती है। दो विधायकों वाली भाजपा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की छह-पार्टी गठबंधन सरकार की सहयोगी है। एओ ने कहा था कि पार्टी राज्य सरकार के खिलाफ कई भ्रष्टाचार के आरोपों पर रिपोर्टों का अध्ययन कर रही है और सभी कागजात हासिल करने के बाद सीबीआई को सौंप देंगे और वो ही मामले की जांच करेगी।

भले ही मुख्यमंत्री संगमा की अध्यक्षता वाली एनपीपी, भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तर पूर्व जनतांत्रिक गठबंधन (NEDA) और NDA का एक महत्वपूर्ण घटक है, भगवा पार्टी के साथ इनके रिश्तों में धीरे-धीरे कई मुद्दों पर खटास आ रही है, विशेष रूप से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन. मारक की गिरफ्तारी के बाद।

मारक को पश्चिम गारो हिल्स जिले में कथित रूप से वेश्यालय चलाने के आरोप में 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। मारक मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पहले तुरा में विरोध प्रदर्शन किया था, जबकि पश्चिम गारो हिल्स में पार्टी कार्यकतार्ओं ने जिले के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त को हटाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया था। मारक के बचाव में, भाजपा नेताओं ने दावा किया कि वेश्यालय मामले में फार्महाउस 2019 से चालू है, लेकिन मेघालय में विधानसभा चुनाव से ठीक छह महीने पहले मारक को बदनाम करने और उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए छापेमारी की गई थी।

हालांकि एनपीपी के राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष डब्ल्यू.आर.खरलुखी ने भाजपा की धमकी को तमाशा करार दिया था। संगमे, जो एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा था कि एओ का बयान व्यक्तिगत था इसे भाजपा के आधिकारिक बयान के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। क्योंकि, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनसे बातचीत करेगा यदि ऐसी कोई बात है तो उसका हल निकाला जाएगा।

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