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Hindi News भारत राजनीति 1984 के दंगों से जुड़े केस में जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 3 सिखों की जलाकर हुई थी हत्या

1984 के दंगों से जुड़े केस में जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 3 सिखों की जलाकर हुई थी हत्या

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर सेक्शन 147, 148, 149, 153(a), 188 IPC और 109, 302, 295 एवं 436 समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है।

Jagdish Tytler, Jagdish Tytler 1984 Riots, Jagdish Tytler anti Shikh Riots- India TV Hindi Image Source : FILE सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 में हुए सिख-विरोधी दंगों से जुड़े एक केस में शनिवार को चार्जशीट दाखिल की गई है। टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भीड़ को भड़काया था, जिसने पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाई और कथित तौर पर सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नाम के 3 सिखों को जलाकर मार डाला था। कांग्रेस नेता पर सेक्शन 147, 148, 149, 153(a), 188 IPC और 109, 302, 295 एवं 436 समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है।

CBI ने पिछले महीने लिया था टाइटलर की आवाज का नमूना
बता दें कि पिछले महीने ही CBI ने दिल्ली के पुल बंगश इलाके में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में टाइटलर की आवाज का नमूना लिया था। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि जांच एजेंसी ने राजनेता मंजीत सिंह जी. के. को भी तलब किया है जिन्होंने वे कथित ‘स्टिंग टेप’ जारी किये थे जिनमें टाइटलर बताए गए एक व्यक्ति ने सिखों की हत्या करने का दावा किया था। अधिकारियों ने बताया था कि अब तक 3 क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने वाली एजेंसी ने मामले में ‘नए सबूत’ मिलने के बाद यह कदम उठाया था। CBI ने 22 नवंबर 2005 में केस दर्ज किया था जिसमे आजाद मार्किट में पुल बंगश गुरुद्वारे में भीड़ ने आग लगा दी थी।

टाइटलर पर हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने का आरोप
साल 2000 में भारत सरकार की तरफ से 1984 के सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए नानावती कमिशन गठन किया गया था। कमीशन की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने तत्कालीन संसद सदस्य टाइटलर और अन्य के खिलाफ जांच करने के सीबीआई को आदेश दिए। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देश में सिख समुदाय पर कथित तौर पर हिंसक हमले किए गए थे। पीड़ितों ने मामले में CBI की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी। अदालत ने दिसंबर 2015 में सीबीआई को मामले की और जांच करने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह हर 2 महीने में जांच की निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर एक पहलू की जांच की जाए।

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