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हिमाचल में CM पद पर घमासान तेज, प्रतिभा सिंह के समर्थन में जमकर नारेबाजी

हिमाचल प्रदेश में चुनाव में बीजेपी को पटखने देने के बाद कांग्रेस में सीएम कौन बनेगा ये ये सबसे बड़ी टेंशन की बात है। सीएम की रेस में प्रतिभा सिंह के अलावा मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं।

pratibha singh- India TV Hindi Image Source : PTI समर्थकों के साथ प्रतिभा सिंह

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने भले ही विधानसभा चुनाव जीत लिया हो लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसके लिए खींचतान शुरू हो गई है। शिमला की सर्दी में कांग्रेस खेमे में माहौल एकदम गर्म है। थोड़ी देर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है जिसमें विधायक दल के नेता के नाम पर फैसला हो सकता है लेकिन उससे पहले शिमला के होटल में पर्यवेक्षकों से मिलकर जब हिमाचल की पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बाहर निकलीं तो उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। मतलब साफ है चुनाव में बीजेपी को पटखने देने के बाद कांग्रेस में सीएम कौन बनेगा ये ये सबसे बड़ी टेंशन की बात है।

एक कुर्सी...तीन नाम
सीएम की रेस में प्रतिभा सिंह के अलावा मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। उनके समर्थक भी अपने नेता को सीएम की कुर्सी में बैठाने की मांग कर रहे हैं। हिमाचल में सीएम पद पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी दावेदारी ठोक दी है। सुक्खू ने कहा कि पिछले 6 साल में उन्होंने पार्टी को हिमाचल में खड़ा किया जिसके दम पर कांग्रेस को जीत मिली है। सुखविंदर सिंह सुक्खू राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और सीएम की रेस में प्रतिभा सिंह के साथ बराबर की दावेदारी पेश कर रहे हैं।

हमारे परिवार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता- प्रतिभा सिंह
सीएम पद की रेस में सबसे आगे प्रतिभा सिंह का नाम चल रहा है। विधायक दल की बैठक से ठीक पहले प्रतिभा सिंह ने अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिश की। इंडिया टीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के परिवार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सबसे कठिन दौर में पार्टी की जिम्मेदारी निभाई ऐसे में आलाकमान हर बात को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगा।

कांग्रेस ने 40 सीट जीतकर हासिल किया पूर्ण बहुमत
बता दें कि कांग्रेस ने 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को 40 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया और इस तरह राज्य में 1985 से चला आ रहा हर पांच साल पर राज बदलने का रिवाज कायम रहा। कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री पद के ऐसे चेहरे को चुनना एक बड़ी चुनौती होगी, जो पार्टी को एकजुट रख सके।

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