A
Hindi News भारत राजनीति वो 5 किस्से जो बताते हैं मोदी सरकार में कैसे खत्म हुआ VIP कल्चर

वो 5 किस्से जो बताते हैं मोदी सरकार में कैसे खत्म हुआ VIP कल्चर

पीएम मोदी ने केंद्र की सत्ता पर विराजमान होने के साथ ही वीआईपी कल्चर को खत्म करने का काम किया। सत्ता में आने के बाद उन्होंने कई बड़े बदलाव किए उनमें हम आपको 5 किस्से बताते हैं कि आखिर मोदी सरकार में कैसे वीआईपी कल्चर खत्म हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र...- India TV Hindi Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले ही कार्यकाल के दौरान वीआईपी कल्चर को खत्म करने पर जोर दिया। पीएम मोदी हमेशा से ही वीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं। कई मौकों पर पीएम मोदी आम व्यक्ति की तरह मेट्रो में सफर करते हुए या फिर सड़कों पर जरूरतमंदों के लिए अपना काफिला रोककर, पहले उन्हें जाने देते हैं।

1. बड़े मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों से लाल बत्ती कल्चर खत्म

बता दें कि पीएम मोदी ने केंद्र की सत्ता पर विराजमान होने के साथ ही वीआईपी कल्चर को खत्म करने का काम किया। उन्होंने बड़े मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों से लाल बत्ती कल्चर को समाप्त किया। 2017 में ही अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में ईपीआई (प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है) संस्कृति के साथ वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने का आह्वान किया था।

मोदी कैबिनेट ने फैसला लिया था कि 1 मई 2017 से सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती नहीं लगाई जा सकेगी। खुद पीएम मोदी ने कहा था कि हर भारतीय VVIP है। सरकार ने VVIP वाहनों की लालबत्ती संस्कृति समाप्त करने का जो फैसला लिया था, उसके अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों सहित किसी भी VVIP के वाहन पर एक मई से लालबत्ती नहीं होगी। हालांकि एंबुलेंस और अग्निशमन जैसे आपात परिस्थितियों में काम आने वाले वाहनों में ही लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की अनुमति कायम रखी गई।

Image Source : PTIजनता का अभिवादन करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

2. श्रमिकों-कामगारों को बनाया चीफ गेस्ट

रिपब्लिक डे समारोह के दौरान वीआईपी संस्कृति खत्म करने पर पीएम मोदी ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा का निर्माण करने वाले श्रमिकों और कामगारों को इस अवसर पर विशेष अतिथि बनाया गया।

3. वैक्सीन के लिए अपनी बारी का किया इंतजार

कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया है कि वह जल्दी कोविड टीका लगवा सकते थे। लेकिन, उन्होंने अपने नंबर का इंतजार किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं जल्दी वैक्सीन लगवा सकता था। लेकिन मैंने इसे तभी लगाने का फैसला किया, जब मेरा नंबर आएगा।

4. दीक्षांत समारोह में गरीब बच्चों की भागीदारी

यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने हमेशा उन आयोजनों में गरीब बच्चों की भागीदारी की वकालत की है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आयोजकों से कहता हूं कि दीक्षांत समारोह में पहली 50 सीट मेरे गेस्ट के लिए चाहिए। मैं यूनिवर्सिटी के आस-पास में रहने वाले झुग्गी-झोपड़ियां जो होती है, वहां जो स्कूल होती है उन बच्चों को दीक्षांत समारोह में बैठाता हूं। मेरा यही संस्कार है।

5. साधारण तरीके से की गई हीराबेन की अंत्येष्टि

वीडियो में पीएम मोदी बता रहे हैं कि जब उनकी मां हीरा बेन का 100 साल की आयु में निधन हुआ था, तो उनका इलाज गुजरात के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था। इलाज के दौरान ही सरकारी अस्पताल में उनका देहांत हो गया था। इसके अलावा पीएम मोदी की मां हीराबेन की अंत्येष्टि भी सरकारी श्मशान में साधारण तरीके से की गई थी। इसके लिए किसी भी तरह के वीआईपी कल्चर या कोई राजनेताओं का मेला भी नहीं लगा था।

यह भी पढ़ें-

मोदी सरकार के पहले 100 दिन होते हैं बेहद अहम, गुजरात में ही हुई थी इसकी शुरुआत

"पहले मैं मोदी सरकार के खिलाफ था, लेकिन अब मेरे विचार बदल गए," राज ठाकरे ने बताया समर्थन के पीछे का कारण

Latest India News