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Hindi News भारत राजनीति साथ आ गए सिद्धारमैया-शिवकुमार...अब ऑल इज वेल? इस फोटो ने दिला दी पायलट-गहलोत, कमलनाथ-सिंधिया की याद

साथ आ गए सिद्धारमैया-शिवकुमार...अब ऑल इज वेल? इस फोटो ने दिला दी पायलट-गहलोत, कमलनाथ-सिंधिया की याद

कर्नाटक सीएम का फैसला कांग्रेस हाईकमान के लिए बहुत मुश्किल भरा था। हाईकमान के फैसले के बाद अब बेंगलुरु में सिद्धारमैया खेमें में जहां जश्न है वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को चार दिनों की रस्सा कस्सी के बाद हाईकमान के आगे सरेंडर करना पड़ा।

डीके शिवकुमार,...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV डीके शिवकुमार, मल्लिकार्जुन खरगे और सिद्धारमैया

नई दिल्ली: पांच दिनों से चल रहे कर्नाटक कांग्रेस के सियासी नाटक का आज अंतिम दिन है। अब कांग्रेस की वो प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है जिसका इंतज़ार पिछले पांच दिन से हो रहा था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया। इससे पहले बुधवार को आधी रात सिद्धारमैया के नाम पर डीके शिवकुमार ने अपनी सहमति दे दी थी जिसके बाद आज दोनों केसी वेणुगोपाल के घर पर पहुंचे। वहां ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार एक कार में सवार होकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंचे। खरगे के साथ दोनों की तस्वीर रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट की है।

आज सामने आई सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की फोटो ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की याद दिला दी। तब भी राजस्थान और मध्य प्रदेश कांग्रेस सीएम की कुर्सी को लेकर लंबी खींचतान चली थी। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार थे तो एमपी में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया। लेकिन उस वक्त भी मेहनत की बजाय कांग्रेस हाईकमान ने अनुभव को तवज्जो दी थी।

Image Source : file photoअशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी

शिवकुमार की मेहनत पर सिद्धारमैया का अनुभव पड़ा भारी
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे तो पार्टी को समय-समय पर संकट से उबारने वाले डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद से ही संतुष्ट होना पड़ेगा। कांग्रेस आलाकमान के फैसले के बाद अब बेंगलुरु में सिद्धारमैया खेमें में जहां जश्न है वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को चार दिनों की रस्सा कस्सी के बाद हाईकमान के आगे सरेंडर करना पड़ा।

Image Source : file photoज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के साथ राहुल गांधी

कर्नाटक सीएम का फैसला कांग्रेस हाईकमान के लिए बहुत मुश्किल भरा था। नतीजों के बाद पल पल बदलते समीकरण के बीच कर्नाटक के कुर्सी के किस्से आगे बढ़ते रहे और डीके शिवकुमार की मेहनत पर सिद्धारमैया का अनुभव भारी पड़ गया।

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बता दें कि राहुल गांधी ने ऑब्जर्वर्स से सभी विधायकों से वन-टु-वन बात करने को कहा था। सूत्रों की मानें तो इनमें 80 से ज्यादा विधायकों ने सिद्धारमैया के फेवर में वोट किया था जाहिर है हाईकमान ने उसी इनपुट के आधार पर ये फैसला लिया है।

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