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Hindi News भारत राजनीति महाराष्ट्र: शिवाजी पर राज्यपाल की टिप्पणी पर लोकसभा में बवाल, शिवसेना के दोनों गुट के सांसद आए एक साथ

महाराष्ट्र: शिवाजी पर राज्यपाल की टिप्पणी पर लोकसभा में बवाल, शिवसेना के दोनों गुट के सांसद आए एक साथ

महाराष्ट्र में पिछले कई हफ्तों से कोश्यारी के हालिया बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के प्रतीक थे।

eknath shinde uddhav thackeray- India TV Hindi Image Source : IANS एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के छत्रपति शिवाजी को पुराने जमाने के प्रतीक बताने वाले हालिया बयान के विरोध में गुरुवार को लोकसभा में उद्धव ठाकरे और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सदस्य, NCP के सदस्यों के साथ एक साथ आए। निचले सदन में जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के सांसद खड़े हो गए और छत्रपति शिवाजी के नारे लगाने लगे। उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए राकांपा सांसदों को इशारा करते देखा जा सकता है। इशारे पाते ही वह भी उनके साथ शामिल हो गए। धीरे-धीरे शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के सांसद भी खड़े हुए और जय भवानी और छत्रपति शिवाजी महाराज की जय के नारे लगाते देखे गए।

औरंगाबाद से AIMIM सांसद इम्तियाज जलील भी विरोध में खड़े नजर आए, जबकि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने अपनी सीट पर बैठकर विरोध का समर्थन किया। महाराष्ट्र के पड़ोसी इलाकों से कर्नाटक के कुछ भाजपा सांसद भी अपनी सीटों के पास मराठी बोलते हुए खड़े देखे जा सकते हैं। हंगामे के कारण सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, जो चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठा रहे थे, का भाषण सुनाई नहीं दिया। बाद में अरविंद सावंत के नेतृत्व में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद भी सदन के बीच में आ गए और शिवाजी के नारे लगाने लगे।

जब रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद, विनायक राउत ने कोश्यारी की (उनका नाम लिए बिना) शिवाजी पर टिप्पणी पर आपत्ति जताई। उनके विचारों को राकांपा के शिरूर सांसद अमोल कोल्हे ने प्रतिध्वनित किया, जिन्होंने कहा कि शिवाजी महाराष्ट्र के लोगों के लिए भगवान की तरह थे। हंगामे के जारी रहने पर अध्यक्ष पद पर मौजूद राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

महाराष्ट्र में पिछले कई हफ्तों से कोश्यारी के हालिया बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के प्रतीक थे।

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