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Hindi News भारत राजनीति '10 साल की उम्र में निशिकांत दुबे मैट्रिक पास, ये करिश्मा कैसे?' महुआ मोइत्रा ने शेयर किया एफिडेविट

'10 साल की उम्र में निशिकांत दुबे मैट्रिक पास, ये करिश्मा कैसे?' महुआ मोइत्रा ने शेयर किया एफिडेविट

महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद के कई कागजात भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे की ओर से फाइल किए गए एफिडेविट में उनकी शिक्षा और उम्र को लेकर अगल-अलग दावे किए गए हैं।

mahua moitra- India TV Hindi Image Source : PTI महुआ मोइत्रा

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की डिग्री और उम्र पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने डॉक्यूमेंट को शेयर कर सवाल उठाया है कि 10 साल की उम्र में वे हाई स्कूल कैसे पास हो गए? महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद के कई कागजात भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे की ओर से फाइल किए गए एफिडेविट में उनकी शिक्षा और उम्र को लेकर अगल-अलग दावे किए गए हैं। इसके आधार पर सवाल उठाया है कि दस साल की उम्र में हाईस्कूल कैसे पास हो गए?

टीएमसी सांसद मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा, ''2009 के शपथ पत्र में दुबे की आयु 37 वर्ष है, 2014 के शपथ पत्र की आयु 42 वर्ष है। इसलिए वे साल 1972 में पैदा हुए। दोनों शपथ पत्रों में 1982 में मैट्रिक पास करने का जिक्र है। इसलिए 10 साल की उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक पास किया। ऐसी प्रतिभा? हम बेचारे नगरवधू तो आश्चर्य में ही देख सकते हैं।''

दरअसल, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, निशिकांत दुबे की MBA डिग्री को लेकर हमलावार हैं। इस पर निशिकांत दुबे ने शनिवार को मोइत्रा के जवाब में बिना किसी का नाम लिए नगरवधू शब्द का इस्तेमाल कर सवाल खड़े किए थे। अब मंगलवार को मोइत्रा ने अपने ट्वीट में स्वयं के लिए नगरवधू शब्द का इस्तेमाल किया है।

कांग्रेस विधायक ने भी उठाया था सवाल
मोइत्रा के बाद कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह ने भी एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए निशिकांत दुबे को फर्जी करार दिया है। विधायक ने दावा किया कि जब उन्होंने उनकी डिग्री पर सवाल उठाया तो बीजेपी नेता ने ब्लॉक कर दिया। वहीं, सोशल मीडिया पर भी निशिकांत दुबे की डिग्री और उम्र को लेकर लोग तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं।

रोहित यादव नाम के यूजर ने लिखा कि सांसद जी ने महज 10 वर्ष की आयु में ही हाईस्कूल पास कर लिया। अब देश विश्व गुरु जरूर बनेगा। एक अन्य यूजर ने लिखा कि झूठा हलफनामा देकर अपराध करने में कोई हिचकिचाहट नहीं, क्योंकि भारत में आप इसे बिना दंड के अंजाम दे सकते हैं। यहां तक कि चुनाव आयोग भी इसे माफ कर सकता है।

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