A
Hindi News भारत राजनीति किसानों के कूच के बीच केंद्र के खिलाफ दिल्ली में सड़क पर उतरी केरल सरकार; इसलिए नाराज हैं पिनराई विजयन

किसानों के कूच के बीच केंद्र के खिलाफ दिल्ली में सड़क पर उतरी केरल सरकार; इसलिए नाराज हैं पिनराई विजयन

केरल में कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) विपक्ष को प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह राज्य की सभी वित्तीय समस्याओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराने संबंधी वाम दल के विमर्श से सहमत नहीं है।

pinarayi vijayan- India TV Hindi Image Source : PTI पिनराई विजयन ने दिल्ली में प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

नई दिल्ली: केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) सरकार के नेतृत्व में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में भागीदारी करने वाले विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के कई घटक दलों ने ‘राज्यों के संघ’ के रूप में परिकल्पित लोकतंत्र को ‘राज्यों पर संघ के वर्चस्व की मानसिकता’ के जरिये ‘पंगु’ किए जाने का आरोप लगाया। ‘संघवाद को बचाने’ के लिए आयोजित एलडीएफ के प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी, द्रमुक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने भागीदारी की, जबकि कांग्रेस की ओर से वहां कोई नहीं था।

केजरीवाल, भगवंत मान, फारूक अब्दुल्ला हुए शामिल

केरल में कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) विपक्ष को प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह राज्य की सभी वित्तीय समस्याओं के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराने संबंधी वाम दल के विमर्श से सहमत नहीं है। प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए। द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और पलानीवेल त्यागराजन तथा कांग्रेस के पूर्व नेता एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

केरल CM ने लगाए भेदभाव के आरोप

प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ‘राज्यों पर संघ (यूनियन ओवर स्टेट्स)’ के वर्चस्व की केंद्र की मानसिकता की आलोचना करते हुए कहा कि यह केवल वित्तीय विषयों में नहीं है, बल्कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपाल के कामकाज से भी जाहिर होता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी इसके खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने और भारत के संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए एक साथ आए हैं। आज हम नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं जो राज्यों के साथ न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करने की शुरुआत करेगी।’’ विजयन ने कहा कि केंद्र की मानसिकता का एक और उदाहरण यह है कि वह कानून व्यवस्था समेत कई क्षेत्रों में राज्यों की शक्तियों में अतिक्रमण करने वाले कानून बना रहा है, जो संविधान में पूरी तरह से राज्य सूची के विषय हैं।

राज्यों के अधिकारों को छीना जा रहा है- विजयन

केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों के विचार प्राप्त किए बगैर उन्हें प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बहुराष्ट्रीय समझौते किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी उदाहरणों से पता चलता है कि कैसे राज्यों के अधिकारों को छीना जा रहा है और कैसे भारत को राज्यों पर एक अलोकतांत्रिक संघ में तब्दील किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन राज्यों के वित्तीय संसाधनों को हड़पकर देश के संघीय ढांचे को केंद्र सरकार नुकसान पहुंचा रही है।

विजयन ने राज्यपालों द्वारा कथित भेदभाव किए जाने पर कहा कि संवैधानिक रूप से उन्हें राज्य मंत्रिमंडल की सलाह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हम विपक्षी दल शासित राज्यों में यह देख रहे हैं कि राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।’’ वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता ने कहा, ‘‘हमने केरल सहित पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु में राज्यपाल की शक्तियों के अविवेकपूर्ण इस्तेमाल को देखा है।’’ (इनपुट- भाषा)

यह भी पढ़ें-

Latest India News