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इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मिली जमानत पर लगायी रोक

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट) से मिली जमानत पर रोक लगा दी है।

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मिली जमानत पर लगायी रोक - India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मिली जमानत पर लगायी रोक 

लखनऊ: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट) से मिली जमानत पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने गायत्री को नोटिस भी जारी किया है। गायत्री पहले से ही सामूहिक दुष्‍कर्म के मामले में 15 मार्च 2017 से जेल में हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की ओर से गायत्री की जमानत खारिज करने की मांग को लेकर दायर की गयी एक अर्जी पर पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 16 नवम्बर को होगी। सरकार का पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही व अनुराग वर्मा ने दलील दी थी कि गायत्री के खिलाफ उसी की कंपनी के एक निदेशक बृज भुवन चौबे ने 17 सितम्बर 2020 को गोमती नगर विस्तार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

उक्त प्राथमिकी में गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति व एक अन्य महिला को नामजद किया गया था। दलील दी गई कि एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने विवेचना के दौरान लिए गए गवाहों के बयानों व गायत्री प्रजापति के आपराधिक इतिहास पर विचार किए बगैर 30 जुलाई 2021 को उसकी जमानत मंजूर कर ली। पीठ ने सरकार की ओर से पेश दलीलों को सुनने के पश्चात मामले पर विचार की आवश्यकता जताते हुए एमपी एमएलए की विशेष अदालत के 30 जुलाई 2021 के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है। 

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