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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश जब 'कंस' पिता को अपमानित कर पद छीन ले तो धर्म की रक्षा को कृष्ण आते हैं: शिवपाल का अखिलेश पर तंज

जब 'कंस' पिता को अपमानित कर पद छीन ले तो धर्म की रक्षा को कृष्ण आते हैं: शिवपाल का अखिलेश पर तंज

शिवापल सिंह यादव ने आज गीता का उल्लेख करते हुए जन्माष्टमी की बधाई तो दी ही, साथ ही इशारों-इशारों में एक बड़ा सियासी संदेश भी दे दिया। शिवपाल ने बिना नाम लिए अखिलेश की तुलना क्रूर असुर राजा कंस से कर दी।

Shivpal Yadav and Akhilesh Yadav- India TV Hindi Image Source : PTI Shivpal Yadav and Akhilesh Yadav

Highlights

  • शिवपाल यादव ने अखिलेश की तुलना क्रूर असुर राजा कंस से की
  • सपा ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए- शिवपाल
  • चाचा-भतीजे के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही शुरू हुई थी अनबन

Shivpal Singh Yadav: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने भतीजे अखिलेश यादव पर बड़ा तंज कसा है।  शिवपाल ने यदुवंशियों को लेकर एक ओपन लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने गीता का उल्लेख करते हुए जन्माष्टमी की बधाई तो दी ही, साथ ही इशारों-इशारों में एक बड़ा सियासी संदेश भी दे दिया।

क्रूर असुर राज कंस से की अखिलेश की तुलना
शिवपाल यादव ने बिना नाम लिए अखिलेश की तुलना क्रूर असुर राजा कंस से करते हुए लिखा, "समाज में जब भी कोई 'कंस' अपने पूज्य पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनाधिकृत अधिपत्य स्थापित करता है, तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं और अपने योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं। पत्र में शिवपाल ने अखिलेश पर ही तंज कसते हुए उन्हें कंस बताया है। हालांकि शिवपाल ने किसी के नाम का जिक्र नहीं किया है, लेकिन जानकार इसके मायने जरूर निकाल रहे हैं।

आगे एक श्लोक भी है- यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्... । इसके बाद उन्होंने लिखा, ''प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया भी ईश्वर द्वारा रचित विराट नियति और विधान का परिणाम है।''

'सपा ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए'
वहीं, आज पत्रकारों ने जब शिवपाल सिंह यादव से कांग्रेस में जाने की अटकलों के बाबत पूछा गया तो उन्‍होंने इसे फेक न्‍यूज बताया। कांग्रेस में जाने की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमें गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को अपनी कमियां दिखाई नहीं देती हैं, सपा अगर अपनी कमियों को दूर कर ले तो ये सब बातें नहीं होती, जो हो रही हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारी बात करो तो हम विपक्ष को एक करने का प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर यादव ने कहा, ‘‘जब हमें ही गठबंधन का नहीं माना तो हम खुद ही अलग हो गए। अब अपनी पार्टी को मजबूत करने और इसे बढ़ाने में लगे हैं और इसलिए हमने पार्टी में युवाओं को जिम्मेदारी सौंपी है।''

Image Source : pti (file photo)Shivpal Yadav and Mulayam Singh Yadav

2016 में ही चाचा भतीजे में शुरू हुई थी अनबन
शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। चाचा-भतीजे के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही अनबन शुरू हुई तो फिर दोनों के रास्ते जुदा जुदा हो गए। शिवपाल ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजा एक मंच पर आ गए। इसके बाद शिवपाल सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। हालांकि चुनाव परिणाम आने के बाद ही एक बार फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई।

राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश यादव की पसंद के उम्मीदवार यशवंत सिन्‍हा का विरोध किया तो सपा ने भी उन्‍हें आजाद कर दिया। शिवपाल से पत्रकारों ने जांच एजेंसी ED के दुरुपयोग किए जाने के संदर्भ में सवाल किया तो उन्‍होंने दो टूक कहा कि छापा डालना और तफ्तीश करना ईडी का काम है, और जब शिकायत मिलेगी तो वह अपना करेगी ही। रही बात उसके दुरुपयोग करने की तो जब समीक्षा होगी तो सब सामने आ जाएगा।

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