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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh News: ललितपुर में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस दिया

Uttar Pradesh News: ललितपुर में नाबालिग से सामूहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस दिया

Uttar Pradesh News: एक दलित नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार किया गया और पुलिस ने पांच महीने तक कोई मामला दर्ज नहीं किया।

Supreme Court gives notice- India TV Hindi Supreme Court gives notice

Highlights

  • नाबालिग से गैंगरेप का मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
  • पुलिस थाने में भी हुआ रेप

Uttar Pradesh News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के ललितपुर में चार युवकों द्वारा एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार किए जाने तथा थाने में भी उससे दुष्कर्म किए जाने के मामले में NGO ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने इस याचिका पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया तथा उनसे 18 अगस्त तक जवाब देने को कहा। 

गैंगरेप के 5 महीने बाद भी दर्ज नहीं किया गया मामला

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का ने पीठ को बताया कि लड़की की जान को गंभीर खतरा है। एनजीओ ने कहा कि नाबालिग लड़की घटना वाली जगह से दूर एक स्कूल के छात्रावास में है और स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं की गई है। एनजीओ ने बाल संरक्षण कानून के प्रावधानों को लागू करने में राज्य के अधिकारियों की विफलता को उजागर करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया। याचिका में कहा गया ‘‘वर्तमान याचिका एक दलित नाबालिग लड़की की पीड़ा को भी उजागर करती है, जिससे सामूहिक बलात्कार किया गया था और पांच महीने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।’’ 

थाना परिसर में भी हुआ रेप

याचिका में कहा गया, ‘‘पुलिस विभाग न केवल सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के अपने मुख्य कर्तव्य का पालन करने में विफल रहा, बल्कि उसने पीड़िता और उसके परिवार को लगातार डराया, धमकाया और थाना परिसर में भी उससे बलात्कार की घटना हुई।’’ इससे पहले पाली थाने के प्रभारी को नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि 13 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर तीन दिनों में चार लोगों ने बलात्कार किया और एक थाने के प्रभारी (एसएचओ) ने भी उसका यौन उत्पीड़न किया, जहां उसे उसके हमलावरों ने छोड़ दिया था। 

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