महामृत्युंजय मंत्र है बहुत फलदायी, लेकिन इसका जाप करते समय इन बातों का रखें ध्यान
नई दिल्ली: शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने का मंत्र है। इसके
महामृत्युमंजय मंत्र का जाप करते वक्त शिवलिंग में दूध मिलें जल से अभिषक करते रहे।
कभी भी धरती में इस मंत्र या कोई भी पूजा बैठ कर न करें हमेशा कोई आसन या कुश का आसन बिछा कर करें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें।
इस मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें। रोज अपनी जगह न बदलें।
मंत्र करते समय एकाग्र रखें । अपनें मन को भटकनें न दे।
जितने भी दिन का यह जाप हो । उस समय मांसाहार बिल्कुल भी न खाएं।
महामृत्युंजय के दिनों में किसी की बुराई या फिर झूठ नही बोलना चाहिए।
इस मंत्र का जाप करते समय आलस्य या उबासी को पास न आने दे।