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जानिए, वामन द्वादशी का महत्व और पूजा विधि

नई दिल्ली: हिन्दू मान्यताओं में एकादशी का बेहद महत्व है, क्योंकि हर एक एकादशी एक खास व्रत से जुड़ी है। इस दिन लोग पूर्ण विधि के अनुसार व्रत रखते हैं और व्रत से जुड़े देवी-देवता


ऐसें करें भगवान विष्णु की पूजा
इस एकादशी पर वामन देव की पूजा करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है, उसके जीवन से सभी बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं। स्वयं भगवान विष्णु के अवतार वामन देव भी संसार से बुरे कर्मों का सर्वनाश करने के लिए जाने जाते हैं।
अगर आप इस दिन व्रत एवं पूजन करने का विचार बना रहे हैं तो याद रखें कि इस दिन चावल और दही सहित चांदी का दान करने का विशेष विधि-विधान है।  इसके अलावा तांबा या उससे बनी कोई भी वस्तु दान कर सकते हैं। साथ ही रात्रि को जागरण अवश्य करना चाहिए। वैसे तो वामन एकादशी की पूजा करने के लिए कोई कठोर नियम नहीं है। भगवान वामन की पूजा में भगवान वामन की मूर्ति के सामनें कुछ दक्षिणा रखें। इसके बाद आप भगवान वामन का नाम लेकर श्रीहरि के इस मंत्र से पूजन करें।
देरेश्वराय देवश्य, देव संभूति कारिणे
प्रभाने सर्व देवानां वामनाय नमो नम:

पूजन करने के बाद इस मंत्र को पढ़ कर अर्ध्य देना चाहिए। का जाप करें।
नमस्ये पदमनाभाय नमस्ते जल: शायिनें तुभ्यमर्च्च प्रयच्छामि वाता यामन अपिणे।।

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