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Hindi News लाइफस्टाइल फैशन और सौंदर्य बजट पेश करने आई निर्मला सीतारमन ने पहनी बंगाल की लाल पाड़ साड़ी, जानिए इस साड़ी की खासियत

बजट पेश करने आई निर्मला सीतारमन ने पहनी बंगाल की लाल पाड़ साड़ी, जानिए इस साड़ी की खासियत

2021 का वार्षिक बजट पेश करने संसद पहुंची केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने हैंडलूम प्रेम को दर्शाते हुए लाल पाड़ साड़ी पहनी जो सबकी नजरों में आकर्षण का केंद्र बनी रही।

<p>बजट पेश करने आई...- India TV Hindi Image Source : PTI/NUSRATCHIRPS बजट पेश करने आई निर्मला सीतारमन ने पहनी बंगाल की लाल पाड़ साड़ी, जानिए इस साड़ी की खासियत

2021 का वार्षिक बजट पेश करने संसद पहुंची केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने हैंडलूम प्रेम को दर्शाते हुए लाल पाड़ साड़ी पहनी जो सबकी नजरों में आकर्षण का केंद्र बनी रही। निर्मला सीतामरण ने इस दौरान बंगाल की प्रसिद्ध लाल पाड़ की साड़ी पहनी थी। हैंडलूम की ये सफेद साड़ी जिसका लाल प्रिंटेड बॉर्डर है और बॉर्डर पर पीला और सफेद फूल बने हुए हैं। इस खूबसूरत साड़ी की हरे रंग की किनारी बेहद साड़ी को गरिमा प्रदान कर रही थी। आइए जानते हैं कि बंगाल में लाल पाड़ी की साड़ी क्यों पहनी जाती है औऱ पवित्र धार्मिक अनुष्ठानों में इसकी क्या अहमियत है।

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कहा जाता है कि बंगाल की लाल पाड़ की साड़ी एक खास साड़ी होती है जिसे धार्मिक अनुष्ठानों और पवित्र मौकों पर पहना जाता है। इसके अलावा झारखंड में भी इस साड़ी का खास महत्व है। इस साड़ी को दुर्गा पूजा, पूजा अनुष्ठान, सिंदूर खेला जैसे मौकों पर ये साड़ी पहनी जाती है। आमतौर पर ये साड़ी सफेद या ऑफ व्हाइट होती है जिस पर चौड़ा लाल बॉर्डर उसे अलग ही खूबसूरती प्रदान करता है। कई बार प्रिटेंड बॉर्डर इसे नया लुक देते हैं। 

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दुर्गा पूजा के दौरान ढाक की ताल पर जब बंगाली महिलाएं डांस करती हैं तो इस साड़ी की छटा देखने लायक होती है। ऐसे में निर्मला सीतामरण ने भी बजट जैसे खास मौके पर इसे पहना ताकि वो इस वित्तीय अनुष्ठान को पूरी लगन से पूरा कर सकें।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले बंगाल की सांसद नुसरत जहां ने  भी शादी के बाद लाल पाड़ की साड़ी में दुर्गा पूजा की थी जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहीं थी।

आपको बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय ने इस लाल पाड़ साड़ी को पंजीकृत किया था, इससे झांरखंड और बंगाल में काफी खुशी का माहौल था। चूंकि ये साड़ी हैंडलूम और सिल्क से बनती है इसलिए सरकार का उद्देश्य है कि हैंडलूम को बढ़ावा देने के साथ साथ ये साड़ी बंगाल और झारखंड के हथकरघा उद्योग को भी नया जीवन देगी।

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