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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ रिसर्च: फैटी लिवर से परेशान हैं तो जूस, कोल्ड ड्रिंक और फल को करें इग्नोर

रिसर्च: फैटी लिवर से परेशान हैं तो जूस, कोल्ड ड्रिंक और फल को करें इग्नोर

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन(JAMA) ने अपने एक जर्नल में यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि जिन लोगों की फैटी लिवर की शिकायत है उन्हें भूल से भी जूस, कोल्ड ड्रिंक या फल ज्यादा नहीं खाने चाहिए।

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 नई दिल्ली: अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन(JAMA) ने अपने एक जर्नल में यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि जिन लोगों की फैटी लिवर की शिकायत है उन्हें भूल से भी जूस, कोल्ड ड्रिंक या फल ज्यादा नहीं खाने चाहिए। क्योंकि आने वाले समय में उन्हें लिवर से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।  ज्यादतर लोग अपनी लाइफस्टाइल में फल और फलों के जूस का सेवन करते हैं लेकिन फैटी लिवर वालों के लिए इसका सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार ऐसा होता है फैटी लिवर के लक्षण भी शरीर में दिखने लगते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसे इग्नोर कर देते हैं।

खराब लाइफस्टाइल और अस्वस्थ भोजन से कई हेल्थ की प्रॉब्लम हो सकती हैं उन्हीं में से एक है फैटी लिवर। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। फैटी लिवर वह स्थिति होती है, जब लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लिवर को स्थायी नुकसान का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लिवर के के टिशू सख्त हो जाते हैं। अगर आप सुरक्षित और सेहतमंद रहना चाहते हैं तो आपको जल्द से जल्द इसका इलाज जरूर करना चाहिए।

फैटी लिवर से परेशान हैं तो करें ये काम

फैटी लिवर रोग तीन रूपों में हो सकता है, स्टीटोसिस, जिसमें सूजन के बिना फैटी लीवर होता है। दूसरा स्टीटोहैपेटाइटिस,  जख्म और सूजन वाला लिवर, जोकि शराब के सेवन से होता है। तथा तीसरा नॉन-एलकोहॉलिक स्टीटोहैपेटाइटिस, या नैश, जोकि बेहद आम है और उपचार ना किय जाने की स्थिति में नैश, गंभीर और अपरिवर्तनीय है, का कारण बनता है।

नॉन-एलकोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज में शुरू में लक्षण दिखई नहीं देते हैं, लेकिन वसा के लिवर में जमा होने के साथ पेट में दर्द या थकान जैसे लक्षण समय के साथ दिखाई दे सकते हैं। अधिक वजन या मोटापा, शराब और अप्रबंधित मधुमेह आदि फैटी लीवर के विकास में योगदान कर सकते हैं। इसका उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर लिवर में बढ़ रही अतिरिक्त वसा की मात्रा को सीमित करने के लिए आहार में परिवर्तन, वजन प्रबंधन, शराब संयम और स्वास्थ्य की स्थिति के प्रबंधन आदि को शामिल किया जाता है।

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