हेल्थ डेस्क: छात्रों को बोर्ड परीक्षा के समय बहुत अधिक तनाव हो जाता है, क्योंकि उन्हें इस बात से घबराहट होती है कि वह बोर्ड परीक्षा में ठीक ढंग से पेपर दे पाएंगे कि नहीं। जिससे उनका पूरा साल बेकार जाएगा। इसके लिए वह बहुत ही कड़ी मेहनत से मार्क्स लाते है। इसी बीच अगर आप बीमार हो गए तो आपकी लाइफ का एक साल जाने के साथ-साथ पूरी मेहनत पानी में चली जाती है।
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इसी में एक बीमारी से डायबिटीज की। जिसमें डायबिटीज पीडित व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा ठीक होनी चाहिए। नहीं कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस चीज को ध्यान रखते हुए बोर्ड परीक्षा में स्नैक खाने का इंतजाम किया है।
टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित छात्र अब केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं। सीबीएसई ने एक सर्कुलर में कहा कि बड़ी संख्या में बच्चे टाइप-1 मधुमेह के मरीज हैं और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बनाये रखने के लिए उन्हें नियमित अंतराल पर इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है।
सीबीएसई ने कहा कि इन बच्चों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचने के लिए लगातार कुछ खाने पीने की जररत होती है, वरना उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
ऐसे छात्र शुगर टैबलेट, फल, स्नैक्स और पानी परीक्षा केन्द्र में ला सकते हैं जिसे निरीक्षकों के पास रखा जाएगा। बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि इसके लिए छात्र की मेडिकल स्थिति का प्रमाण पत्र संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को भेजना होगा.
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