हेल्थ डेस्क: आज की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी सें लोगों में ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा हो रही है। ब्लड प्रेशर 20 साल के लोगों में तेजी सें बढ़ रही है। ब्लड प्रेशर दो तरह के होते है। हाई और लो ब्लड प्रेशर। जिस तरह हाई ब्लड प्रेशर खतरनाक होता है उसी तरह लो ब्लड प्रेशर भी होता है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। अगर यही 90 से कम हो जाए तो वह लो ब्लड प्रेशर है। ब्लड प्रेशर की समस्या केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में तेजी से फैल रही है। ऐसे ब्लड प्रेशर की बीमारी बढ़ रही है। जिसके कारण हार्ट संबंधी खतरा हो रहा है।
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दुनिया भर में वर्ष 1990 से 2015 के बीच उच्च प्रकुंचक रक्तचाप (सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर) के दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में हृदय से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा है।
अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक वर्ष 2015 में अनुमानित तौर पर 3.5 अरब व्यस्कों में प्रंकुचक रक्तचाप (एसबीपी) पाया गया। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक कम-से-कम 110 एमएम एचजी का एसबीपी हृदय रोग और गुर्दों संबंधी विभिन्न बीमारियों का कारक हो सकता है।
अध्ययन में आगाह किया गया है कि वैश्विक स्तर पर मोटापे की समस्या के बढ़ने से एसबीपी में और वृद्धि हो सकती है। इस अध्ययन का प्रकाशन जेएएमए जर्नल में हुआ है।
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