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सावधान! कहीं आप अधिक मात्रा में नमक तो नहीं खाते

भारत में लोग औसतन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रतिदिन पांच ग्राम नमक की संस्तुति का दोगुना नमक खाते हैं। बुधवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात कही गई।

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हेल्थ डेस्क: नमक हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। चुटकी भर नमक हमारी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकता है। वही इसे अधिक मात्रा में खा लिया जाएं तो हमारी सेहत के लिए अभिशाप हो सकता है। बिना नमक के कोई भी खाना अधूरा होता हैं। वहीं खाने में अगर ज्यादा नमक पड़ जाए तो खाने का स्वाद बिगड़ जाता है। साथ ही कई बीमारियां होने का खतरा भी रहता हैं।

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कई सालों तक लगातार अत्यधिक नमक वाली खुराक लेते रहने से ज्यादा शरीर में यूरिक एसिड बनने और पेशाब में एल्बुमिन की मौजूदगी से रक्त धमनियों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका रहती है। डब्ल्यूएचओ ने एक बात सामने आई कि भारत में नमक की वजह से होने वाली मृत्यु पांचवी सबसे बड़ी मौत की वजह है।

भारत में लोग औसतन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रतिदिन पांच ग्राम नमक की संस्तुति का दोगुना नमक खाते हैं। बुधवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात कही गई। जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के आंकड़ों की समीक्षा की। इसमें देश भर के 2.27 लाख लोगों आंकड़े थे। उसमें पाया गया कि वे डब्ल्यूएचओ के अधिकतम सीमा पांच ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन से बहुत अधिक है।

संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 19 वर्ष से अधिक उम्र के औसत भारतीय प्रतिदिन 10.98 ग्राम नमक खाता है। यह अध्ययन रिपोर्ट जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित हुआ है।

मेटा एनालिसिस अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में नमक की खपत अधिक है। मेटा एनालिसिस मात्रा मापने वाला सांख्यिकीय विश्लेषण है।

इससे पता चला कि त्रिपुरा नमक खाने के मामले में प्रतिदिन 14 ग्राम के प्रति व्यक्ति के साथ शीर्ष पर है। शहरी और ग्रामीण इलाके में नमक खाने के मामले में कोई अंतर नहीं है।

डब्ल्यूएचओ वर्ष 2025 तक नमक की खाने में 30 प्रतिशत की कटौती करने का प्रयास कर रहा है। अधिक नमक खाने से हृदय रोग और उच्च रक्त चाप का शिकार होने की आशंका रहती है।

 

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