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30 साल की कोशिशों के बाद अफ्रीका में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन

अफ्रीकी देश मलावा में मंगलवार के दिन दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन लॉंच हो गया। यह पांच महीने से लेकर 2 साल के बच्चों तक के लिए हैं। इस बात की जानकारी WHO ने ट्वीट के द्वारा दी।

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World Malaria Day 2019: पूरे विश्व में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। इससे पहले ही अफ्रीकी देश मलावा में मंगलवार के दिन दुनिया का पहला मलेरिया वैक्सीन लॉंच हो गया। यह पांच महीने से लेकर 2 साल के बच्चों तक के लिए हैं। इस बात की जानकारी WHO ने ट्वीट के द्वारा दी। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, यह वैक्सीन बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए शुरु किए गए।

वैक्सीन बनाने में लगे 30 साल
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर टेड्रो अदनोम घेब्रेयियस ने कहा, 'हमने पिछले 15 सालों में मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय निकाले लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमें मलेरिया की प्रतिक्रिया को ट्रैक पर लाने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता है और यह नया टीका हमें वहां पहुंचने के लिए एक आशाजनक उपकरण देता है। मलेरिया वैक्सीन में हजारों बच्चों को बचाने की क्षमता है।' बता दें कि इस वैक्सीन को बनाने में 30 साल लगे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मलावी सरकार के इस एतिहासिक कार्यक्रम का स्वागत किया है। यह टीका बच्चों के प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करेगा जिससे मलेरिया के परजीवी का उन पर घातक असर नहीं होगा। यह टीका प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ भी काम करता है।

भारत में भी मलेरिया से होती है ज्यादा मौंते
राष्ट्रीय वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के अनुसार, भारत में 2016 के दौरान मलेरिया के 1,090,724 मामले दर्ज किये गए और इससे 331 मौतें हुईं। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को इस बीमारी से मरने का सबसे ज्यादा खतरा होता है।

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