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केदारनाथ के बाद अब खुले बद्रीनाथ के द्वार, आज से शुरू हो गई चारधाम की यात्रा

अब चारधाम की यात्रा शुरु हो गई है। आज सुबह सवार चार बजे बदरीनाथ के कपाट खुल गए। कपाट दीपावली के दिन तक खुले रहेंगे। इसके बाद बंद कर दिए जाएंगे। छह महीने के लिए एक बार फिर इन मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं का जमावाड़ा लगा रहेगा।

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नई दिल्ली: अब चारधाम की यात्रा शुरु हो गई है। आज सुबह सवार चार बजे बदरीनाथ के कपाट खुल गए। कपाट दीपावली के दिन तक खुले रहेंगे। इसके बाद बंद कर दिए जाएंगे। छह महीने के लिए एक बार फिर इन मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं का जमावाड़ा लगा रहेगा। इस बार खास बात ये है कि इस बार केदारनाथ हो या बदरीनाथ दोनों जगहों की व्यवस्था और सुरक्षा बदल गई है  

ब्रह्म मुहूर्त में खुले कपाट
वैदिक मंत्रोचारण और पूजा-अर्चना के साथ ही श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं।  ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे कपाट खोल दिए गए है। बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ, यानी कि चारों धाम की यात्रा भी शुरू हो गई है और इसके साथ ही गूंजने लगी हैं बद्रीनाथ के जयकारे।

भगवान बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए आधी रात से श्रद्धालु जुटे थे। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले तो हर ओर भगवान बद्री के नाम के जयकारे लगने लगे. विजुअल एंबियंस ऐसा अनुमान है कि भगवान के दर्शन के लिए इस समय 10 हजार से ज्‍यादा लोग मंदिर के आसपास जुटे हुए हैं।

चारधाम के आसपास के मंदिरों को भी सजाया गया
पूरे धाम और आसपास के प्राचीन मठ-मंदिरों को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने पर छह महीने से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन किए जा सकेंगे। मतलब बर्फबारी से पहले नवंबर तक श्रद्धालु यहां पहुंच पाएंगे। कहा जाता है कि कपाट बंद होते वक्त घी का अखंड द्वीप जलाया जाता है जो कि करीब छह महीने तक कपाट खुलने तक जलता रहता है। मान्यता ये भी है कि इस अखंड द्वीप की रक्षा खुद भगवान बदरी करते हैं। इस समय देव लोक से सारे देवता बद्री विशाल की पूजा अर्चना करने आते हैं।

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