A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Devutthana Ekadashi 2017: जानिए क्या है तुलसी विवाह, शुभ मुहूर्त और ऐसे करें पूजा

Devutthana Ekadashi 2017: जानिए क्या है तुलसी विवाह, शुभ मुहूर्त और ऐसे करें पूजा

हिंदू धर्म में इस पर्व में सभी लोग घर की साफ-सफाई करते है और आंगन में रंगोली सजाते है। शाम के समय तुलसी के मंडप के पास गन्ने से भव्य मंडप बनाया जाता है। इसके बाद तुलसी माता और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है। जानिए कैसे कराएं विवाह साथ ही जानें पूजा

tulsi- India TV Hindi tulsi

धर्म डेस्क: आज भगवान विष्णु 4 माह की निद्रा के बाद जगेगें।  माना जाता है कि आज से शुभ काम की शुरुआत की जाती है। जिसे एकादशी के रुप में मनाया जाता है। इसे  देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी या देव प्रबोधनी के दिन मनाया जाने वाला तुलसी विवाह विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक होता है। पूरे 4 माह बाद 31 अक्टूबर, मंगलवार को जगेंगे। इस दिन पूजा और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

देवता जब जागते हैं, तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। इसीलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है।

हिंदू धर्म में इस पर्व में सभी लोग घर की साफ-सफाई करते है और आंगन में रंगोली सजाते है। शाम के समय तुलसी के मंडप के पास गन्ने से भव्य मंडप बनाया जाता है। इसमें साक्षात् के रुप में विष्णु को शालिग्राम के रुप में मूर्ति रखते है और दोनो का विधि-विधान के साथ विवाह किया जाता है।

ऐसे करें तुलसी विवाह
इस दिन पूरे परिवार को ऐसे तैयार होना चाहिए जैसे कि किसी शादी में जा रहे हो। इसके बाद तुलसी के पौधे को आंगन के बीचों-बीच में रखें। और इसके ऊपर भव्य मंडप सजाएं। इसके बाद माता तुलसी पर सुहाग की चीजें जैसे कि बिंदी, बिछिया,लाल चुनरी आदि चढ़ाएं।

इसके बाद विष्णु स्वरुप शालिग्राम को रखें और उन पर तिल चढाएं क्योंकि शालिग्राम में चावल नही चढाएं जाते है। इसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। साथ ही गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें। अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें। इसके बाद दोनों की घी के दीपक और कपूर से आरती करें। और प्रसाद चढाएं।

ये भी पढ़ें:

अगली स्लाइड में पढ़े और

Latest Lifestyle News