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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र लाल बाग के राजा के पंडाल की जगह 11 दिन लगेंगे खास कैंप, कोरोना पीड़ितों को मिलेगा नया जीवन

लाल बाग के राजा के पंडाल की जगह 11 दिन लगेंगे खास कैंप, कोरोना पीड़ितों को मिलेगा नया जीवन

मुंबई में लाल बाग के राजा के दर्शन इस बार भले न हो पाएं लेकिन पंडाल उस जगह पर प्लाजमा डोनेशन कैंप लगाएगा जो कोरोना पीड़ितों की मदद करेंगे।

कोरोना के कारण 75 साल में पहली बार नहीं हो पाएंगे लालबागचा राजा के भव्य दर्शन- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ANI कोरोना के कारण 75 साल में पहली बार नहीं हो पाएंगे लालबागचा राजा के भव्य दर्शन

कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल मुंबई के लालबगाचा राजा महोत्सव आयोजित न करने का फैसला किया गया है। इसके बजाय इसी जगह पर 11 दिन तक प्लाज्मा डोनेशन कैम्प लगाए जाएंगे। 86 सालों में पहली बार ऐसा हो रहा है जब लालबाग के राजा गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना नही की जाएगी। 

मुंबई में लगभग हर व्यक्ति महोत्सव के दौरान बस गणपति के रंग में रंगा रहता है। फिर चाहे वो बॉलीवुड स्टार हो या फिर क्रिकेट स्टार कोई भी अछूता नहीं रहता है। गणेश चतुर्थी के दिन लालबाग के राजा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगती हैं।

इस साल गणेशोत्सव में होगा कुछ खास

लाल बाग के गणपति मंडल ने तय किया है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मंडल मुख्यमंत्री निधि को 25 लाख का डोनेशन देगा। कोरोन काल में सेवा के दौरान मारे गए पुलिसवालों के परिजनों को भी सम्मानित किया जाएगा। गलवान में शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालो का भी गणेशोत्सव के दौरान सम्मान किया जायेगा

गणेशोत्सव के 11 दिन के दौरान लाल बाग गणपति मंडल प्लाज्मा डोनेशन कैम्प लगाएगा। इन कैंपों में जरूरतमंद कोरोना पीड़ितों को प्लाजमा दान किया जाएगा ताकि वो स्वस्थ हो सकें। ऐसा परोपकारी काम करके लाल बागजा गणपति मंडल एक ऐसा पुण्य काम कर रहा है जिससे खुद गणपति भी खुश हो जाएंगे।

Image Source : twitter/MaheshJoshi_MJलालबागचा मंदिर

लाल बागचा राजा महोत्सव का महत्व

मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान सबसे प्रसिद्ध और मनोकामना पूर्ति के लिए मशहूर लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में हुई थी। यह पंडाल मुंबई के लालबाग, परेल इलाके लगाया जाता है।

लाल बागचा सिर्फ भक्तों के दर्शन और मनोकामना पूर्ति का पुण्य काम नहीं करता। हर साल पंडाल की थीम जनकल्याणकारी काम पर होती है। लाल बाग के राजा कभी सिपाही बन जाते हैं तो कभी डाक्टर। कभी उनकी मूर्ति रेलवे के टीटी की होती है तो कभी सैनिक की।

इनपुट राजेश कुमार

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