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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र आज है गुड फ्राइडे, सूली पर लटकते समय यीशु ने कही थी ये 7 बातें

आज है गुड फ्राइडे, सूली पर लटकते समय यीशु ने कही थी ये 7 बातें

10 अप्रैल 2020 को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। इस दिन ईसाई धर्म के अनुयायी ईसा मसीह के बलिदान का स्मरण करते हैं, क्योकि प्रभु यीशु ने बढ़ते पाप को देखते हुए अपना बलिदान दिया था।

गुड फ्राइडे- India TV Hindi Image Source : TWITLINSONCURTTER/ गुड फ्राइडे

ईसा मसीह के त्याग को याद करके गुड फ्राइडे मनाया जाता है। आज गुड फ्राइडे मनाया जाएगा। इस दिन ईसाई लोग चर्च में जाकर यीशु को याद हुए शोक मनाते हैं, क्योकि प्रभु यीशु ने बढ़ते पाप को देखते हुए अपना बलिदान दिया था। इस दिन करोड़ों ईसा मसीह के अनुयायी निराहार व्रत भी रखते हैं। 

वहीं अनुयायियों के बीच चर्च में यीशु के अंतिम सात वचनों की भी चर्चा की जाती है जिसमें क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग का महत्व समझाया जाता है। इसके साथ ही  अनुयायी अपने पापों के लिए क्षमा, शुद्धिकरण और पश्चाताप करते हैं।  वहीं, कई लोगों के मन में यह सवाल भी रहता है कि ईसा मसीह की मृत्यु वाले दिन को 'गुड' क्यों कहा जाता है? 

कब है गुड फ्राइडे

इस साल गुड फ्राइडे 10 अप्रैल को मनाया जाएगा। । ईसाई मान्यता के अनुसार गुड फ्राइडे ईस्टर को पड़ने वाला फ्राइडे होता है। जिसकी गणना पूर्वी और पश्चिमी ईसाईयत के आधार पर भिन्न-भिन्न तरह से होती है। 

गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है?
ईसाई धर्म में माना जाता है कि प्रभु यीशु को इस दिन सूली पर चढ़ाया गया था। प्रभु को शांति और प्रेम का मसीहा कहा जाता है। लेकिन उस दौर में प्रभु यीशु को धार्मिक कट्टरपंथी प्रवृति के रोम शासक से शिकायक के बाद उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। सूली पर चढ़ाते समय भी उन्हें कई तरह की कई यातनाएं दी गई थी। प्रभु के हाथों व पैरों में कीलों को ठोका गया। क्रूस पर 6 घंटे लटकाया गया। इस दौरान प्रभु यीशु ने 7 वचन दिये। प्रभु यीशु के बलिदान को याद करके इस दिन इस पर्व का मनाया जाता है। 

40 दिन तक होता है उपवास
ईसाई मान्यताओं को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे के मौके पर प्रभु यीशु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए 40 दिन पहले से उपवास भी रखते हैं। इस रस्म को 'लेंट' के नाम से जाना जाता है। इस दिनों में अनुयायी निराहार उपवास रखते हैं। 

बनती हैं मीठी रोटियां
गुड फ्राइडे के दिन विशेष रूप से मीठी रोटियां बनाई जाती हैं। जिसे प्रसाद के रूप में बांटा भी जाता है।

प्रभु यीशु ने दिया था ये अंतिम वचन
 जब पापियों और अत्याचारियों ने मिलकर प्रभु यीशु को तमाम तरह की यातनाएं दी और उन्हें अंत में सूली पर लटकाने से पहले हाथों व पैरों में कीलों को ठोका गया। क्रूस पर 6 घंटे लटकाया गया। इस दौरान प्रभु यीशु ने 7 वचन दिये।

पहला-हे पिता इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं?
दूसरा- मैं तुझसे सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
तीसरा-हे नारी देख ये तेरा पुत्र है तब उस चेले से कहा यह तेरी माता है।
चौथा-इलोई इलोई लमा शबक्तनी? हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?
पांचवां-मैं प्यासा हूं।
छठा-पूरा हुआ।
सातवां- हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।

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