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गुप्त नवरात्रि आज से, ये उपाय अपनाने से बनेगे बिगड़े काम

इस नवरात्र का भी अपना एक महत्व है। इस नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। इसमें विशेषकर तांत्रिक साधनाए, शक्ति साधना, महाकाल आदि की पूजा का महत्व होता है। इसमें बहुत ही कड़ी साधना और व्रत होता है।

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धर्म डेस्क:  हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जहां पर अपने रीति-रिवाज, परंपराए और त्योहार है। इसी क्रम में एक है नवरात्र। जिसमें मां दुर्गा की साधना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जती है। माना जाता है कि नवरात्रि में मांदुर्गा के नौ रुपों की अराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

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देवी पुराण के अनुसार हर साल 4 नवरात्र पडते है। इनमें से दो नवरात्र चैत्र मास और आश्विन मास की मानी जाती है। इसमें आश्विन मास की सबसे प्रमुख मानी जाती है। जो कि शारदीय नवरात्र के नाम से जानी जाती है। इसी तरह माघ मास और आषाण मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस बारें में ज्यादा लोगों को नहीं पता होता है। इस बार यह नवरात्र 9 फरवरी से शुरु होकर 17 फरवरी तक चलेगी।

इस नवरात्र का भी अपना एक महत्व है। इस नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। इसमें विशेषकर तांत्रिक साधनाए, शक्ति साधना, महाकाल आदि की पूजा का महत्व होता है। इसमें बहुत ही कड़ी साधना और व्रत होता है। जिसके कारण उस साधक को दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति होती है।

इस साधना के लिए सबसे अच्छी जगह श्मशान मानी जाती है। भय के कारण रात के समय कोई श्मशान आता भी नहीं है इसलिए साधक पूरी एकाग्रता के साथ साधना कर पाता है। भारत में गुप्त साधना करने के लिए चार श्मशान घाट प्रसिद्ध हैं, ये साधनाएं केवल यहीं संपन्न होती हैं। इन श्मशान घाटों में मध्यरात्रि के बाद साधकों को देखा जा सकता है।

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