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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Mahalaya 2019: महालया से होती है नवरात्र की शुरुआत, अपने परिजनों को यूं करें विश, जानें इसके बारे में सब कुछ

Mahalaya 2019: महालया से होती है नवरात्र की शुरुआत, अपने परिजनों को यूं करें विश, जानें इसके बारे में सब कुछ

महालया, नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले मनाई जाती है। महालया के अगले दिन ही कलश स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा की जाती है।

<p>Mahalaya 2019</p>- India TV Hindi Image Source : Mahalaya 2019

महालया, नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले मनाई जाती है। महालया के अगले दिन ही कलश स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा की शुरू की जाती है। महालया के आते ही एक तरफ श्राद्ध खत्म हो जाते हैं वहीं इसके अगले दिन से ही मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन करती हैं और अगले 10 दिन तक अपने भक्तों के बीच में रहती हैं। महालया के दिन इसलिए भी खास है क्योंकि यही वह दिन होता है जब मूर्तिकार मां दुर्गा की आंखों को तैयार करता है। इसका अर्थ यह है कि महालया के बाद ही मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है और पांडालों में मूर्तियां स्थापित की जाती है।

महालया कब है?
पितृ पक्ष यानी श्राद्ध के आखिरी दिन महालया मनाया जाता है। हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक अश्विन मास के कृष्‍ण पक्ष की अंतिम तीथि यानी अमावस्‍या को महालया अमावस्‍या के रूप में मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक महालया पर्व हर साल सितंबर या अक्‍टूबर के महीने में ही मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी महालया 28 सितंबर मनाई जा रही है।

जानिए 'महालया' का इतिहास 
पुरानी कहानियों को मुताबिक ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने अत्‍याचारी राक्षस महिषासुर के संहार के लिए मां दुर्गा का सृजन किया। महिषासुर को वरदान मिला हुआ था कि कोई देवता या मनुष्‍य उसकों नहीं मार पाएंगे। ऐसा वरदान पाकर महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया और वह अक्सर देवी- देवताओं पर आक्रमण करने लगा। देवता बार-बार महिषासपर से युद्ध हारने लगे और देखते-देखते देवलोकर पर महिषासुर का राज हो गया।

महिषासुर से परेशान होकर सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के पास जाकर मदद मांगी और कहां कि जल्दी कुछ करें नहीं तो स्वर्ग में महिषासुर का अधिपत्य हो जाएगा। तभी सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया। शस्‍त्रों से सुसज्जित मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक भीषण युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया। दरसअल, महालया मां दुर्गा के धरती पर आगमन का दिन, यही वह शुभ दिन है जब मां दुर्गा ने धरती पर कदम रखा था। जैसा कि आपको पता है मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है।

घर से दूर हैं तो इस तरह फैमिली, रिश्तेदारों और दोस्तों को करें महालया विश....

Image Source : Mahalaya 2019

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