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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Janmashtami 2020: श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में हुई 'मंगला आरती', देखिए पहली तस्वीर

Janmashtami 2020: श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में हुई 'मंगला आरती', देखिए पहली तस्वीर

देशभर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा के मंदिर में सुबह मंगला आरती की गई।

Krishna Janmasthan Temple- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ANI Krishna Janmasthan Temple

देशभर में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा के मंदिर में सुबह मंगला आरती की गई। सामने आए वीडियो में भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति बेहद मोहक लग रही है। पीले और सुनहरे रंग के कपड़ों से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को सजाया गया है। 

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि 
भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। जिसके कारण यह व्रत सुबह से ही शुरु हो जाता है। दिनभर भगवान हरि की पूजा मंत्रों से करके रोहिणी नक्षत्र के अंत में पारण करें। अर्द्ध रात्रि में जब आज श्रीकृष्ण की पूजा करें। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। स्नान करते वक्त इस मंत्र का ध्यान करें-
"ऊं यज्ञाय योगपतये योगेश्रराय योग सम्भावय गोविंदाय नमो नम:"

इसके बाद श्रीहरि की पूजा इस मंत्र के साथ करनी चाहिए
"ऊं यज्ञाय यज्ञेराय यज्ञपतये यज्ञ सम्भवाय गोविंददाय नमों नम:"

अब श्रीकृष्ण के पालने में विराजमान करा कर इस मंत्र के साथ सुलाना चाहिए-
"विश्राय विश्रेक्षाय विश्रपले विश्र सम्भावाय गोविंदाय नमों नम:"

जब आप श्रीहरि को शयन करा चुके हो इसके बाद एक पूजा का चौक और मंडप बनाए और श्रीकृष्ण के साथ रोहिणी और चंद्रमा की भी पूजा करें। उसके बाद शंख में चंदन युक्त जल लेकर अपने घुटनों के बल बैठकर चंद्रमा का अर्द्ध इस मंत्र के साथ करें।

जन्माष्टमी पर क्या है खीरे का महत्व
जन्माष्टमी पर लोग श्रीकृष्ण को खीरा चढ़ाते हैं, माना जाता है कि नंदलाल खीरे से काफी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं। इस दिन ऐसा खीरा लाया जाता है जिसमें थोड़ा डंठल और पत्तियां भी होनी चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार, जन्मोत्सव के समय इसे काटना शुभ माना जाता है। अब आपके दिमाग में घूम रहा होगा कि आखिर खीरे को काटना क्यों शुभ माना जाता है। हम आपको बता दें कि जिस तरह एक मां की कोख से बच्चे के जन्म के बाद मां से अलग करने के लिए 'गर्भनाल' को काटा जाता है। उसी तरह खीरे और उससे जुड़े डंठल को 'गर्भनाल' माना काटा जाता है जोकि कृष्ण को मां देवकी से अलग करने के लिए काटे जाने का प्रतीक है।

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