A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र संकष्टी चतुर्थी आज, इस शुभ मुहूर्त में खास पूजा विधि से करें भगवान गणेश की आराधना

संकष्टी चतुर्थी आज, इस शुभ मुहूर्त में खास पूजा विधि से करें भगवान गणेश की आराधना

संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन विधि के साथ पूजा करने से हर इच्छाएं पूरी होती है।

Lord ganesha- India TV Hindi Lord ganesha

आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि तृतीया और शुक्रवार का दिन है । तृतीया तिथि आज शाम 07 बजकर 47 मिनट तक ही रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी, जो पूरी रात पूरा दिन पार करके अगले दिन की शाम 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगी| 

कब है संकष्टी चतुर्थी?
 प्रत्येक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी कहते है, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी कहते है । मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज शाम 07 बजकर 46 मिनट से लगेगी और 16 तारीख की शाम 07 बजकर 15 मिनट तक चलेगी | इस लिहाज से चतुर्थी उदया तिथि 16 तारीख को हुयी लेकिन ध्यान रहे की कि चतुर्थी का व्रत निशित व्यापनी चतुर्थी के दिन किया जाता है, यानी कि जिस रात चतुर्थी तिथि हो उस दिन चतुर्थी का व्रत किया जायेगा | इसके अलावा चतुर्थी व्रत में चंद्रोदय का बड़ा महत्त्व है| आज को चंद्रोदय शाम 06 बजकर 27 मिनट पर ही हो जायेगा और रात भर चंद्रमा दृश्यमान होकर मौजूद रहेगा | अस्तु संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत 15 तारीख को यानि आज ही किया जाना चाहिए | 

घर या ऑफिस के ईशान कोण में डस्टबिन रखना माना जाता है अशुभ, पैसों की बढ़ोत्तरी में होगी कमी

श्री गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना जाता है| लिहाजा आज भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है | संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाली | भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य को देने वाले हैं | इनकी उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है | कहते हैं कि जो व्यक्ति आज के दिन व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है और उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है | यह व्रत सुबह से लेकर शाम को चन्द्रोदय होने तक किया जाता है और  चन्द्रोदय होने पर चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है | जानकारी के लिये आपको बता दूं कि चन्द्रोदय आज रात 07 बजकर 31 मिनट पर होगा| वहीं आज राज योग भी सूर्योदय से लेकर शाम को 07 बजकर 46 मिनट तक रहेगा | 

Vastu Tips: मंगलवार, शनिवार सहित इन दिनों में न खरीदें फर्नीचर, होगा अशुभ 

संकष्टी चतुर्थी की पूजन विधि

गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर भगवान गणेश की स्मरण करें। इस दिन व्रत रखें और हो सके तो लाल रंग के कपड़े पहने। भगवान की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें। तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें। इसके बाद  मौली, अक्षत, पंचामृत, फल, फूल, रौली, आदि से श्रीगणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें। अब गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्रीगणेश की आराधना करें।

भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं बहुत पसंद होती है। तिल-गुड़ के लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं। 'ऊं सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है। विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ऊं गणेशाय नम:' अथवा 'ऊं गं गणपतये नम: की 108 बार जाप करें। सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं। तत्पश्चात गणेशजी की आरती करें।

Latest Lifestyle News