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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र सुख-दुख दोनों का ही अंत होना सुनिश्चित है- भाईश्री रमेश भाई ओझा

सुख-दुख दोनों का ही अंत होना सुनिश्चित है- भाईश्री रमेश भाई ओझा

रमेश भाई ओझा ने कहा कि सुख और दुख दोनों का ही अंत होना निश्चित है, लेकिन ईश्वर पर भरोसा रखकर सकारात्मक रहिए। कोरोना काल में मानवता दिखी है।

कोरोना वायरस महामारी देशभर में फैल चुकी है। इस महामारी से बचने के लिए खुद को स्वस्थ रखना बेहद जरुरी है। आप इम्यून सिस्टम मजबूत बनाकर इस वायरस को खुद से बचाया जा सकता है। भागवताचार्य भाईश्री रमेश भाई ओझा इंडिया टीवी के  सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए। जहां उन्होंने बताया इस समय में कोरोना की दवाईयां और वैक्सीन आ जाएगी, लेकिन ऐसा हो सकता है कि दूसरा वायरस आ जाए। इसलिए खुद को स्वस्थ रखें और ईश्वर के प्रति आस्था रखिए।

रमेश भाई ओझा ने कहा कि सुख और दुख दोनों का ही अंत होना निश्चित है, लेकिन ईश्वर पर भरोसा रखकर सकारात्मक रहिए। लॉकडाउन में हमें साधना और अध्यात्म के लिए पूरा वक्त मिला। सकारात्मक सोच रखिए इससे खुशी मिलेगी और नकारात्मकता दूर होगी।

कब होगा कोरोना का अंत
भाईश्री रमेश भाई ओझा ने पहले भी कहा था कि गर्मी से वायरस नहीं मरेगा। धर्म की बातों को विज्ञान का चश्मा लगाकर देखने की आदत है मेरी। इसके बाद मेरी आस्था और मजबूत हुई। कोरोना की दवाईयां और वैक्सीन आ जाएगी, लेकिन ऐसा हो सकता है कि दूसरा वायरस आ जाए। इसलिए ईश्वर के प्रति आस्था रखिए।

कोरोना समय में मानवता दिखी
रमेश भाई ओझा ने कहा कि कोरोना की परिस्थिति बहुत मुश्किल है लेकिन उद्योगपति से लेकर आम आदमी तक सभी ने एक दूसरे की मदद की, लोग किसी ना किसी तरह लोगों के काम आए। यही इंसानियत है, कोरोना के समय में मानवता के रुप में धर्म के दर्शन हुए।

रमेश भाई ओझा ने सम्मेलन में कहा-पहले केस कम थे तो लोगों में डर था। लेकिन अब डर खत्म हो गया है। डर खत्म होना अच्छी बात है लेकिन लापरवाह नहीं बनना है। इससे केस बढ़ रहे हैं। काढ़ा पिएं। कोरोना के साथ ही जीने के तरीका अपनाना पड़ेगा। आने वाले कुछ सालों तक यह रह सकता है। हमे इसके साथ ही रहने का तरीका ढूंढना पड़ेगा साथ ही सावधानियां बरतनी पड़ेगी। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद दुनिया थोड़ी सी बदल जाएगी। बस हमे उसी के अनुसार अपनी जिंदगी को ढालना है।

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